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रणथंभौर से 25 टाइगर गायब, कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने उठाए सवाल

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने रणथंभौर नेशनल पार्क से 25 टाइगर्स के गायब होने पर गंभीर चिंता जताई है. जयराम रमेश ने इसे ‘बेहद चौंकाने वाला’ बताया और कहा कि पार्क के 75 टाइगर्स में से पिछले एक साल में 25 लापता हो गए हैं, ये वाकई चिंताजनक है. हालांकि इस मामले की जांच के लिए वन विभाग ने एक समिति गठित कर दी है. इसके साथ ही राजस्थान के भी कई कांग्रेस नेताओं ने इस पर सवाल खड़े किए है.

कांग्रेस नेता प्रताप सिंह खाचरियावास ने भी इस पर तीखा बयान देते हुए कहा कि भाजपा सरकार में टाइगर्स का लापता होना गंभीर चिंता का विषय है. उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा को न तो टाइगर्स से और न ही जंगलों से कोई मतलब है. यह सरकार सिर्फ अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकने में लगी हुई है. वहीं, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौर ने इस मुद्दे पर कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी.

दो महीने में रिपोर्ट पेश करेगी जांच कमेटी

यहां पहली बार ऐसा हुआ है कि एक साल में इतने ज्यादा टाइगर्स के गायब होने की आधिकारिक रिपोर्ट सामने आई है. इससे पहले, जनवरी 2019 से जनवरी 2022 के बीच 13 टाइगर्स के लापता होने की खबर सामने आई थी. हालांकि सरकार इस पर फौरन एक्शन लेते हुए जांच के लिए एक टीम गठित की है. ये टीम निगरानी रिकॉर्ड की समीक्षा करेगी और अगर पार्क अधिकारियों की लापरवाही पाई गई तो उचित कार्रवाई की सिफारिश करेगी. यह कमेटी दो महीने में अपनी रिपोर्ट पेश करेगी, जिसके बाद टाइगर्स के लापता होने के कारणों का पता चल सकेगा.

क्या कह रहें वाइल्डलाइफ विशेषज्ञ?

रणथंभौर टाइगर्स की अठखेलियों और उनकी साइटिंग के लिए दुनियाभर में प्रसिद्ध है, लेकिन इस बार टाइगर्स के लापता होने की घटना ने एक नई चिंता खड़ी कर दी है. वाइल्डलाइफ विशेषज्ञों का मानना है कि रणथंभौर में इनकी संख्या बढ़ने के कारण उनके लिए पर्याप्त जगह नहीं मिल पा रही है, जिससे इनमें आपसी संघर्ष बढ़ रहे हैं. कई बार कमजोर बाघों को इस संघर्ष में अपनी जान गंवानी पड़ती है, जबकि कुछ टाइगर्स अपने क्षेत्र से बाहर निकल जाते हैं. ऐसे में, कमजोर टाइगर्स की मौत की रिपोर्ट समय पर नहीं मिल पाती, और विभाग उन टाइगर्स को लापता मान लेता है.

मॉनिटरिंग सिस्टम पर भी उठे सवाल

इसके अलावा, अधिकारियों की निगरानी और मॉनिटरिंग प्रणाली की कार्यशैली पर भी सवाल उठ रहे हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि पर्यटन पर अधिक ध्यान केंद्रित होने के कारण टाइगर्स की निगरानी और ट्रैकिंग में कमी आई है, जिससे टाइगर्स के लापता होने की घटनाएं बढ़ रही हैं.

रणथंभौर से पिछले कुछ सालों में कई टाइगर्स के लापता होने की घटनाएं सामने आई हैं. इनमें टाइगर टी-57, टाइगर टी-114 और टी-79, सहित कई टाइगर्स के लापता होने की खबरें शामिल हैं. इस पर वाइल्डलाइफ विशेषज्ञों का कहना है कि टाइगर्स की सही मॉनिटरिंग और ट्रैकिंग प्रणाली को सख्ती से लागू करने की जरूरत है.

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