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दिल्ली: जानलेवा बारिश से 3 और लोगों की मौत, वसंत विहार की बिल्डिंग के बेसमेंट में पानी भरने से मरे मजदूर

दिल्ली के वसंत विहार में एक निर्माणाधीन बिल्डिंग का बेसमेंट एनडीआरएफ, फायर बिग्रेड और पुलिस टीम ने तीनों मजदूरों के शव को बाहर निकाल लिया है. मजदूरों के शवों को बेसमेंट से निकालने के बाद अब सफदरजंग हॉस्पिटल भेजा गया है.

पुलिस ने बताया कि शुक्रवार को हुए भारी बारिश के कारण वसंत विहार इलाके में स्थित एक निर्माणाधीन बिल्डिंग का बेसमेंट ढह गया था. जिसमें तीन मजदूर गिर गए थे. सूचना मिलने के बाद मौके पर पहुंची टीम ने एनडीआरएफ की टीम के साथ बचाव कार्य शुरू किया. अब शनिवार को तीनों मजदूरों के शव को गड्ढे से बाहर निकाल लिया है और अब शवों को आगे की कार्यवाही के लिए सफदरजंग अस्पताल भेजा जा रहा है.

शटरिंग का काम करते थे मजदूर

बताया जा रहा है कि तीनों मृतक मजदूरों की पहचान बिहार के अररिया निवासी संतोष, सुपौल निवासी संतोष और उत्तर प्रदेश के झांसी निवासी दयाराम के रूप में हुई है. ये तीन लोगों बिल्डिंग के निर्माण के लिए शटरिंग लगाने का काम करते थे.

इससे पहले दिल्ली फायर की टीम ने शनिवार सुबह एक मजदूर के शव को निकाला था, जबकि शुक्रवार एनडीआरएफ की टीम ने एक मजदूर का शव को निकाल लिया था. बता दें कि शुक्रवार तड़के दिल्ली में हुई भारी बारिश से वसंत विहार इलाके में एक निर्माणाधीन बिल्डिंग का बेसमेंट ढह गया. बेसमेंट में पानी भरने की वजह से काम कर रहे मजदूर लापता हो गए.

एनडीआरएफ ने बताया कि मजदूर घटनास्थल के पास अस्थायी झोपड़ियों में रह रहे थे और भारी बारिश के कारण झोपड़ियां गड्ढे में गिर गईं, जिससे ये मजदूर बेसमेंट में जमा पानी में डूब गए.

दिल्ली में हुई रिकॉर्ड तोड़ बारिश

दिल्ली में गुरुवार देर रात और शुक्रवार तड़के हुई भारी बारिश ने 88 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया. इस मूसलाधार बारिश के कारण दिल्ली की सड़कों पर जलभराव हो गया है और जगह-जगह ट्रैफिक जाम की स्थिति बन गई है.

मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार, गुरुवार सुबह 8.30 बजे से शुक्रवार सुबह 8.30 बजे तक दिल्ली में 228 मिमी बारिश हुई है. यह 1936 के बाद जून महीने में 24 घंटे में हुई सबसे ज्यादा बारिश है. उस साल 28 जून को 235.5 मिमी बारिश हुई थी. देश की राजधानी दिल्ली में गुरुवार देर रात से हो रही बारिश के चलते कई जगहों पर जलभराव होने से लोगों को जाम से जूझना पड़ा. पिछले साल की बाढ़ के बाद 300 वॉटर-लॉगिंग हॉट स्पॉट चिन्हित किए हैं.

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