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क्यों गेम की लत का शिकार हो रहे बच्चे? ऐसे जान सकते हैं लक्षण और असर

गुजरात के राजकोट में TRP गेम जोन में लगी भीषण आग की चपेट में आने से 28 लोगों की मौत हो गई है. इनमें 12 बच्चे भी थे. गेमिंग जोन में हुए इस दर्दनाक हादसे के बाद गुजरात सरकार ने राज्य के सभी गेम जोन को बंद करने का आदेश जारी कर दिया है. जिस हिसाब से गेम जोन अग्निकांड में मृतक बच्चों का आंकड़ा सामने आया है उस से अंदाज़ा लगाया जा सकता है की इस जोन में कितने ज़्यादा बच्चे गेम खेलने आए हुए थे.

बीते कुछ सालों से बच्चों में इंडोर वीडियो गेम और फोन पर गेम खेलने की आदत काफी बढ़ गई है. छुट्टी के दिनों पर तो मॉल्स के गेम जोन में काफी भीड़ रहती है. कई मामलों में तो बच्चों को गेम की लत भी लग जाती है. वो चाहकर भी गेम खेलना छोड़ नहीं पाते है और इसका उन्हें जुनून हो जाता है. इससे बच्चों को बाद में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है.

5 से 10 साल में बढ़ी गेम की लत

सफ़दरजंग हॉस्पिटल में सामुदायिक स्वास्थ्य विभाग में प्रोफ़ेसर डॉ. जुगल किशोर कहते हैं कि 5 से 10 साल पहले तक बच्चे बाहर क्रिकेट या फुटबॉल जैसे खेल खेलना पसंद करते थे. हालांकि उस दौरान भी वीडियो गेम का चलन था, लेकिन अब इंडोर गेम और वीडियो गेम खेलने का क्रेज बच्चों में हद से ज्यादा बढ़ गया है.

क्यों लग रही गेम की लत?

डॉक्टर के मुताबिक, कोरोना महामारी के बाद से ये समस्या बढ़ रही है. अब बच्चे मोबाइल पर गेम और मॉल में इंडोर गेम खेलना ज्यादा पसंद करते हैं. बच्चों को इस तरह के गेम खेलने में बहुत मजा आता है. इससे उनके शरीर में डोपामाइन ज्यादा रिलीज होता है. डोपामाइन एक न्यूरो ट्रांसमीटर है जो शरीर को दिमाग को सुखी और खुश महसूस कराता है. इस वजह से वो ज्यादा गेम खेलते है और बच्चों में अधिक डोपामाइन रिलीज होता है. डोपामाइन ज्यादा ऐक्टिव होने से गेम खेलने का ही मन करता है. यही वजह है की बच्चे चाहकर भी गेम खेलना छोड़ नहीं पाते हैं. इससे उनको इसकी लत लग जाती है.

मेंटल हेल्थ पर भी असर

ऑनलाइन गेम हो या इंडोर गेम्स इनकी लत बच्चों की मेंटल हेल्थ को खराब कर सकती है. इससे डिप्रेशन और एंजाइटी जैसी समस्या होती है. बीते कुछ सालों से इस तरह के कई मामले भी सामने आए हैं जिसमें गेम की लत ने बच्चों की मानसिक सेहत को खराब किया है. इससे बच्चे हिंसक भी हुए है. उन्होंने अपने घर या दोस्तों को नुकसान भी पहुंचाया है. खराब मेंटल हेल्थ के चलते बच्चों की जिंदगी पर असर पड़ रहा है. उनका कामकाज प्रभावित हो रहा है . मेंटल हेल्थ के साथ- साथ फिजिकल हेल्थ भी बिगड़ रही है.

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