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भारी बारिश और तेज हवाओं का कहर, पेड़ भी उखड़े, बंगाल में ‘रेमल’ के बाद कुछ ऐसे हैं हालात

रेमल चक्रवाती तूफान ने पश्चिम बंगाल में दस्तक दे दी है. जिसके बाद तूफान का कहर हर तरफ नजर आ रहा है. इसके प्रभाव से पश्चिम बंगाल के बीरभूम, नादिया, बांकुड़ा, पूर्वी बर्दवान, पूर्वी मेदिनीपुर, उत्तर 24 परगना, दक्षिण 24 परगना, कोलकाता, बिधाननगर के विभिन्न स्थानों पर जमकर बारिश हुई. अलीपुर, सागर द्वीप, कालीघाटमें लगातार भारी बारिश हो रही है.

भारी बारिश और तेज हवाओं के बीच बंगाल में तबाही मच गई, कई पेड़ टूट गए, लगातार हो रही बारिश से सड़के पानी से भर गई. जिसके बाद NDRF की टीम ने राहत और बचाव का काम शुरू कर दिया है. यतायात बनाए रखने के लिए सागर बायपास रोड के पास गिरे पेड़ को बारिश के बीच ही NDRF की टीम ने सड़क से हटाया. कोलकाता के अलीपुर में भी भारी बारिश और तेज हवाओं के बीच बड़े-बड़े पेड़ जमीन पर गिर गए. देर रात NDRF की टीम ने इस पेड़ को काट कर बारिश के बीच ही सड़क से हटाया और सड़क को साफ किया.

रेमल तूफान का कितना असर हुआ है. पश्चिम बंगाल और पूर्वोत्तर राज्यों में भारी बारिश हो रही है. कोलकाता में रात भर बारिश होती रही. तेज हवाओं के चलते कई इलाकों में पेड़ गिरे. बंगाल का सुंदरवन सबसे ज्यादा इस तूफान से प्रभावित हुआ. कोलकाता हवाई अड्डे पर 394 उड़ानें तूफान की वजह से प्रभावित हुई. पूर्वी और दक्षिण पूर्वी रेलवे ने कई ट्रेनें रद्द की.

भारी बारिश जहां परेशानी बन रही वहीं तेज हवाएं मुश्किल बढ़ा रही है. भारी बारिश और हवाओं के चलते जहां सड़कें पानी से भर गई वहीं काफी पेड़ टूट कर सड़क पर गिर गए. मौसम विभाग के अनुसार, खतरनाक चक्रवाती तूफान “रेमल” पश्चिम बंगाल के सागर द्वीप समूह से लगभग 110 किमी पूर्व में बंगाल की उत्तरी खाड़ी के बीच टकराया है, जो लगभग उत्तर की ओर बढ़ेगा और सागर द्वीप और खेपुपारा के बीच बांग्लादेश और आसपास के पश्चिम बंगाल तटों को पार करेगा. अगले 3 घंटों में मोंगला (बांग्लादेश) की तरफ बढ़ेगा.

तूफान ने रविवार रात को पश्चिम बंगाल में दस्तक दी और इस तूफान का असर राज्य में सोमवार तक देखा जाएगा. जिसके चलते भारी बारिश और तेज हवाएं बनी रहेगी. चक्रवात के चलते पहले से ही अलर्ट जारी कर दिया गया था और तैयारियां कर ली गई थी. NDRF की 14 टीम तैनात कर दी गई थी. साथ ही लोगों को घर में रहने की सलाह दी गई थी.

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