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कस्टम मिलिंग घोटाला: छत्तीसगढ़ में 5 जगहों पर ED की रेड, राइस मिल एसोसिएशन अध्यक्ष कैलाश रूंगटा के ठिकाने पर दबिश

पिछले कुछ महीने से ED और EOW की टीम कोयला घोटाला, कस्टम मिलिंग घोटाला, महादेव सट्टा एप मामला या फिर शराब घोटाला में लगातार छापेमार कार्रवाई कर रही है. शुक्रवार को कस्टम मिलिंग घोटाले मामले में प्रवर्तन निदेशालय की टीम रायपुर और दुर्ग में दो-दो जगह पर और खरोरा में एक जगह पर छापेमार कार्रवाई की है.

दुर्ग जिले में लोकसभा चुनाव खत्म होने के बाद ED ने एक बार फिर दस्तक दी है. इस बार ED राइस मिल एसोसिएशन के अध्यक्ष कैलाश रूंगटा के दीपक नगर स्थित निवास पर पहुंची है. ED की टीम 6 महीने के अंदर दूसरी बार छत्तीसगढ़ राइस मिलर एसोसिएसन के अध्यक्ष के ठिकाने पर पहुंची है. राजस्व क्षति पहुंचाने समेत हवाला कारोबार से जुड़े मामले की छानबीन करने के दौरान दबिश दी. EOW/ACB ने ED की रिपोर्ट के बाद कस्टम मिलिंग घोटाले के मामले में धारा 409, 120 बी के तहत अपराध दर्ज किया हैं.

राइस कारोबारी और छत्तीसगढ़ प्रदेश राइस संगठन के पूर्व महासचिव प्रमोद अग्रवाल के ठिकानों पर भी ED की टीम ने छापेमार कार्रवाई की है. बताया जा रहा है कि ED की टीम राइस मिल ऑफिस और निवास पर दस्तावेज खंगाल रही है. कारोबारी प्रमोद अग्रवाल के खरोरा और रायपुर स्थित ठिकानों पर दबिश दी गई है. छत्तीसगढ़ कस्टम मिलिंग घोटाले में पूर्व एमडी मनोज सोनी और राइस मिलिंग के पूर्व कोषाध्यक्ष रोशन चंद्राकर की गिरफ्तारी के बाद कई लोगों के भी नाम सामने आए हैं.

धान की कस्टम मिलिंग में बड़ा घोटाला के सूत्रधार मार्कफेड के तत्कालीन MD मनोज सोनी है. इस मामले में ED ने जांच में पाया कि खरीफ वर्ष 2021-22 तक सरकार द्वारा धान का प्रति क्विंटल 40 रुपये भुगतान किया गया. धान की कस्टम मिलिंग के लिए दी जाने वाली रकम सरकार ने 40 रुपये को बढ़ाकर तीन गुना यानी 120 रुपये प्रति क्विंटल धान का भुगतान दो किस्तों में किया गया.

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