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जांजगीर-चांपा: बच्चे के गले में फंसी जिंदा मछली, तालाब से पकड़कर मुंह में दबाए था, बिना पानी के भी जल्दी नहीं मरती

जांजगीर-चांपा में शुक्रवार को 14 साल के बच्चे के गले में जिंदा मछली फंस गई. तालाब में मछली पकड़ने के लिए बच्चा गया था. सूचना मिलने पर परिजन बच्चे को लेकर अकलतरा अस्पताल पहुंचे. वहां प्रयास के बावजूद मछली निकालने में सफलता नहीं मिलने पर डॉक्टरों ने बच्चे को बिलासपुर रेफर कर दिया है.

जानकारी के मुताबिक, करूमहु गांव निवासी समीर सिंह अपने दोस्तों के साथ मछली पकड़ने गया था. इस दौरान समीर ने एक मछली को पकड़ लिया, लेकिन उसे रखने के लिए कुछ सामान नहीं था. ऐसे में उसने मछली को अपने मुंह में दबा लिया. तभी मछली उछलकर उसके मुंह में चली गई और गले में जा फंसी.

इसके बाद बच्चे की तबीयत बिगड़ने लगी. परिजनों को पता चला तो डायल-112 की मदद से बच्चे को अकलतरा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लेकर गए. वहां डॉक्टरों ने भी गले में फंसी मछली को निकालने की कोशिश की, लेकिन कामयाबी नहीं मिली. इसके बाद बच्चे को बिलासपुर रेफर कर दिया.

परिजन बच्चे को लेकर बिलासपुर के प्राइवेट अस्पताल पहुंचे. वहां पता चला कि बच्चे के गले में फंसी मछली करीब 3 इंच की है. डॉक्टरों ने बच्चे का ऑपरेशन कर मछली को बाहर निकाल दिया है. बच्चे को फिलहाल ICU में रखा गया है और उसकी हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है.

बताया जा रहा है कि जो मछली गले में फंसी थी, उसका नाम कवई है. कवई मछली नदी और तालाब में ज्यादा मिलती है. इसका शरीर छोटा और लगभग आयताकार होता है. इसके शरीर शल्कों से ढंके रहते हैं. ये नमी वाले जगहों में भी चल सकती है. कहते हैं बारिश में ये पेड़ों पर भी चढ़ जाती है, बिना पानी के भी जल्दी मरती नहीं है.

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