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“शिव” फिर “कृष्ण” शरण में, मंत्री बनने के बाद पहुंचे मिलने, लिया आशीर्वाद

भोपाल। प्रदेश की राजनीति के चाणक्य सिद्ध हो चुके पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अब केंद्र के गलियारों में दूसरी पारी शुरू करने वाले हैं. इससे पहले उन्होंने अपने सियासी गुरु लालकृष्ण आडवाणी से मुलाकात की, उनका आशीर्वाद लिया और इस मुलाकात की यादों को सोशल मीडिया पर भी साझा किया है. केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी से मुलाकात की. इस बात की जानकारी खुद शिवराज ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दी है. उन्होंने इस मुलाकात को अविस्मरणीय बताते हुए लिखा है कि श्रद्धेय आडवाणी जी का आशीर्वाद पाकर धन्य हूं!

शिव के गुरु हैं आडवाणी

कहा जाता है कि जिस दौर में लालकृष्ण आडवाणी भाजपा में सक्रिय थे और पार्टी में उनका ऊंचा कद और पद हुआ करता था, तब शिवराज को आडवाणी का वृहदहस्त प्राप्त था. केंद्र से लेकर प्रदेश तक में शिवराज की सियासी संस्थापना में आडवाणी के प्रयासों को माना जाता है. लेकिन भाजपा में बदले हालात के बीच आडवाणी हाशिए पर पहुंचते गए और पार्टी के सलाहकार और मार्गदर्शक बनकर रह गए. इसी सियासी उथल पुथल में शिवराज भी अपने राजनीतिक गुरु से दूर होते गए.

बढ़ा शिव का कद

मप्र विधानसभा चुनाव में अपनी योजनाओं के सहारे सरकार बनाने वाले शिवराज सिंह चौहान के लिए प्रदेश में उस समय सहानुभूति लहर गहरी हो गई, जब उनकी जीती सरकार पर किसी और को ताज दे दिया गया. शिव के लिए लोगों की इसी सिंपैथी ने उन्हें लोकसभा चुनाव में बंपर जीत दिलाई है. केंद्र में सरकार गठन के दौरान चली चर्चाओं में यह भी बात उकेरी गई कि यदि बदलाव के हालात बने तो शिवराज का नाम सबसे आगे होगा. भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए जाने को लेकर भी बहुत कयासबाजी होती रही. अब केंद्रीय मंत्री बन जाने के बाद भी उम्मीद की जा रही है कि शिवराज अपनी इस पारी में सफलता का परचम लहराए रखने वाले हैं.

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