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महाकाल मंदिर के साथ अन्य बड़े मंदिरों में ऑनलाइन सुविधाओं की दरकार

उज्जैन । ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में दर्शन, पूजन आदि के लिए मंदिर की वेबसाइट के जरिए ऑनलाइन बुकिंग की जा सकती है, मगर अन्य मंदिरों में यह सुविधा अब तक उपलब्ध नहीं हो सकी है। मंगलनाथ मंदिर के लिए इस संबंध में योजना बनाई गई थी, मगर अब तक प्रभावी रूप से लागू नहीं हो पाई। काल भैरव मंदिर में भी बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के आने के चलते ऑनलाइन दर्शन बुकिंग की मांग उठ रही है।

सांस्कृतिक पुनर्जागरण के इस दौर में आध्यात्मिक पर्यटन को पंख लगे हुए हैं। श्रद्धालु देश के प्रमुख मंदिरों में दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं। इसके लिए इंटरनेट माध्यमों पर मंदिरों के संबंध में सर्चिंग का ट्रेंड बढ़ा है।

जिन मंदिरों की अपनी वेबसाइट व वेब पेज हैं, दर्शनार्थी उनकी जानकारी आसानी से प्राप्त कर सकते हैं। लेकिन जिन मंदिरों में आनलाइन सुविधा नहीं है, वहां दर्शनार्थियों की संख्या अपेक्षाकृत कम हैं। ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में ऑनलाइन सुविधा उपलब्ध होने से देश विदेश के श्रद्धालु अभिषेक-पूजन की ऑनलाइन बुकिंग करा रहे हैं।

भक्तों को ऑनलाइन दान तथा लड्डू प्रसाद मंगवाने की सुविधा भी उपलब्ध है। दर्शनार्थी भस्म आरती दर्शन की बुकिंग भी आनलाइन करा रहे हैं। ऑनलाइन सुविधा के चलते मंदिर में प्रतिदिन करीब एक लाख भक्त दर्शन करने पहुंच रहे हैं।

शहर के इन प्रमुख मंदिरों में परेशान हो रहे भक्त

देश के 52 शक्तिपीठों में से एक शक्तिपीठ हरसिद्धि मंदिर में प्रतिदिन संध्या आरती के समय दीपमालिका प्रज्वलित की जाती है। भक्त अपनी मनोकामना पूरी होने पर दीपमालिका प्रज्वलित कराते हैं। मंदिर में आनलाइन सुविधा उपलब्ध नहीं होने के कारण भक्तों को दीपमालिका की बुकिंग कराने उज्जैन आना पड़ता है। इसके बाद जिस तारीख की बुकिंग मिलती है, उस दिन भक्त फिर से मंदिर आते हैं। बुकिंग की रसीद भी मैन्यूल काटी जाती है।

गढ़कालिका मंदिर : भक्तों को कुमकुम पूजा की जानकारी नहीं

देश के प्रमुख सिद्धपीठों में शुमार गढ़कालिका माता मंदिर में देवी की प्रसन्नता के लिए कुमकुम पूजा तथा हवन का विधान है। लेकिन मंदिर में ऑनलाइन सुविधा उपलब्ध नहीं होने के कारण भक्तों को इसकी जानकारी ही नहीं है। मंदिर में कुमकुम पूजा व हवन की शासकीय रसीद भी मैनुअल काटी जा रही है।

 

चिंतामन गणेश मंदिर : शादी के लिए लगाना पड़ रहे चक्कर

चिंतामन गणेश मंदिर में समिति द्वारा नाम मात्र शुल्क में विवाह कराया जाता है। देशभर से लोग यहां विवाह कराने आते हैं। लेकिन मंदिर में ऑनलाइन सुविधा उपलब्ध नहीं होने से लोगों को पहले विवाह के लिए आवेदन देने तथा बाद में निर्धारित तारीख पर विवाह कराने आना पड़ता है। मंदिर में अभिषेक पूजन तथा चोला श्रृंगार की बुकिंग भी आफलाइन की जा रही है।

मंगलनाथ मंदिर : सालों से बंद ऑनलाइन बुकिंग काउंटर

महाकाल के बाद मंगलनाथ एक मात्र ऐसा मंदिर है, जहां ऑनलाइन रसीद काउंटर की शुरुआत हुई थी, लेकिन यह पारदर्शी व्यवस्था कुछ समय बाद ही बंद कर दी गई। अब मंदिर प्रशासन भातपूजा सहित अन्य पूजन की रसीद मैन्यूअल काट रहा है। इस व्यवस्था से मंदिर में कर्मचारियों पर आर्थिक अनियमितता के आरोप लगते रहे हैं। आए दिन विवाद की स्थिति भी निर्मित हो रही है।

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