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डाक्टर-नर्स थे नदारद, फर्श पर महिला का प्रसव, अब हाईकोर्ट ने लिया स्वतः संज्ञान, स्वास्थ्य सचिव को किया तलब

सरगुजा जिले में अंबिकापुर में एक 9 माह गर्भवती महिला के अस्पताल के फर्श पर मितानिनों द्वारा प्रसव कराने के मामले रायपुर हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं पर नाराजगी जताई है और स्वास्थ्य सचिव को तलब किया है. परिजनों के साथ अस्पताल पहुंची गर्भवती महिला को मितानिनों की मदद से असुरक्षित प्रसव लिए मजबूर होना पड़ा था.

महिला के अस्पताल के फर्श पर प्रसव को गंभीरता से लेते हुए मामले में चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच ने चीफ सेक्रेटरी, स्वास्थ्य सचिव, स्वास्थ्य विभाग संचालक, कलेक्टर सरगुजा,सीएमओ अंबिकापुर, सिविल सर्जन अंबिकापुर और मेडिकल आफिसर नवानगर को नोटिस जारी किया है.

नवानगर निवासी प्रियावती पैकरा ने फर्श पर बच्चे को दिया जन्म

बीते 8 जून को दारिमा के सरकारी अस्पताल में नवानगर निवासी प्रियावती पैकरा ने अस्पताल में डाक्टर्स और नर्स की गैर मौजूदगी में मजबूरन मितानिनों की मदद से फर्श पर प्रसव के लिए मजबूरन होना पड़ा था. मितानिनों के द्वारा कराए गए असुरक्षित प्रसाव के दौरान पीड़िता को काफी कष्ट का सामना करना पड़ा था.

डॉक्टर और नर्स स्टाफ नदारद, मितानिनों ने असुरक्षित प्रसव कराया

जिला मुख्यालय से लगे नवानगर दरिमा उप स्वास्थ्य केन्द्र में शनिवार 8 जून की सुबह डॉक्टर व नर्स ड्यूटी से गायब थे. मजबूरन मितानिन को एक गर्भवती महिला को अस्पताल के फर्श पर लिटाकर असुरक्षित प्रसव कराया. प्रसव के दौरान गर्भवती महिला को काफी पीड़ा झेलनी पड़ी.

ग्राम पंचायत नवानगर निवासी प्रियावती पैकरा पति राजकुमार पैकरा प्रसव पीड़ा के बाद नवानगर दरिमा उप स्वास्थ्य केंद्र पहुंची थी, लेकिन वहां डाक्टर और नर्स दोनों मौके से गायब थे. ऐसे में परिजनों को प्रसव पीड़ा से तड़प रही महिला को मितानिनों की मदद से प्रसव कराने के लिए मजबूर होना पड़ा.

स्वास्थ्य केंद्र परिसर में फर्श पर प्रसव कराने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद हाईकोर्ट की इस पर नजर गई. प्रसव पीड़ा से जूझ रही गर्भवती महिला को मजबूरी में मितानिनों ने प्रसव करवाने पड़े, इससे महिला व बच्चे दोनों की जान को जोखिम की संभावना थी

नदारद डाक्टर्स और नर्स को फोन किया गया, नहीं उठा फोन

रिपोर्ट के मुताबिक प्रसव पीड़ा होने के बाद गर्भवती महिला को लेकर परिजन दरिमा उप स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे, जब परिजनों को पता चला कि डाक्टर्स और नर्सेज अस्पताल में मौजूद नहूीं है, तो उन्होंने बुलाने के लिए डाक्टर और नर्स को कई बार फोन किया, लेकिन दोनों का फोन नहीं उठा.

मौजूद था सिर्फ चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी, गंभीर हो गई महिला की हालत

मितानिनों के मदद से अस्पताल के फर्श पर कराए गए असुरक्षित प्रसव से महिला की स्थिति काफी गंभीर हो गई थी. प्रसव के बाद परिजनों ने गांव से दाई को बुलाकर साफ-सफाई कराई. इस दौरान अस्पताल में मात्र एक चतुर्थ वर्ग कर्मचारी उपस्थित थी, जबकि हमेशा की तरह उप स्वास्थ्य केंद्र से डॉक्टर व नर्स गायब थे.

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