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सूरत : विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर का बयान, कहा- ‘टेररिज्म का उत्तर काउंटर टेररिज्म है’, पाकिस्तान के साथ व्यापार पर कही महत्वपूर्ण बात

सूरत के दौरे पर आए हुए विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने चैंबर ऑफ कॉमर्स और फिक्की द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित “Corporate Summit 2024 – Bharat’s Economic Rising” के कार्यक्रम में उपस्थित रहे थी, इस दौरान विदेश मंत्री जयशंकरने साफ कर दिया कि सीमा पर स्थिति समान नहीं है, जहां स्थिति समान नहीं है, वहां सुचारू व्यापार की संभावना नहीं है. आतंकवाद को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. टेररिजम का उत्तर काउंटर टेररिज्म ही है. जब तक सीमा पर तनाव है तब तक पड़ोसी देश से व्यापार संभव नहीं है. लोग कहते हैं आतंकवाद हो गया लेकिन हम इसे बर्दाश्त नहीं कर सकते.

*जानिए विदेश मंत्री ने पाकिस्तान के साथ व्यापार पर क्या कहा?*

पाकिस्तान के साथ व्यापार पर बात करते हुए बताए कि पाकिस्तान भारत के साथ व्यापार करने को उत्सुक है. पाकिस्तानी कारोबारी भारत के साथ कारोबार करना चाहते हैं. पाकिस्तान के साथ द्वितीयक व्यापार पिछले पांच वर्षों से बंद है. आर्टिकल 370 हटने के बाद से भारत और पाकिस्तान के बीच व्यापार बंद हो गया है. एक तरफ पाकिस्तान भारत के साथ व्यापार करना चाहता है. लेकिन विदेश मंत्री डॉ. जयशंकर ने साफ कर दिया है कि जब तक आतंकवाद का मामला है तब तक भारत किसी भी तरह का व्यापार नहीं करेगा.

*गुजरात आना मेरे लिए खुशी की बात है*

डॉ. एस जयशंकर ने कहा कि गुजरात आना मेरे लिए खुशी की बात है क्योंकि मैं यहां से भारत सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहा हूं.  गुजरात के लोग वैश्वीकृत लोग हैं इसलिए वे गुजरात से ही विदेश मंत्री भेजेंगे. साथ ही उन्होंने बताया कि इंडिया राइजिंग की बात करें तो हम अर्थव्यवस्था में 10वें नंबर पर थे, अब 5वें नंबर पर हैं, जल्द ही हम 3वें नंबर पर होंगे. भारत 30 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था तक पहुंचेगा. विदेशी कूटनीति जटिल लग सकती है लेकिन मैं आपको बताना चाहूंगा कि जब मैं दूसरे देशों में जाता हूं तो ‘सबका साथ सबका विकास’ की बात करता हूं, गारंटी की बात करता हूं.

*10 साल में भारत के लिए यूएई का विचार बदल गया*

उन्होंने आगे कहा, दुनिया भर में भारत के प्रति धारणा बदल गई है।  10 साल में भारत के लिए UAE का विचार बदल गया है. दोनों देशों के बीच व्यापार बढ़कर 80 अरब डॉलर तक पहुंच गया है. हमने उनसे कहा है कि हमें मंदिर बनाने दें और उन्होंने अनुमति दे दी है.’ इंदिरा गांधी के जाने से पहले 2016 में पीएम मोदी यूएई गए थे. अगर हमारी ओर से प्रयास नहीं होगा तो विचार नहीं बदलेगा. पीएम मोदी तीन दिनों तक अमेरिका के राष्ट्रपति के साथ रहे. मैं अमेरिका के बारे में तब से जानता हूं जब मैं एक कनिष्ठ अधिकारी था. अमेरिका के तमाम टेक्नोलॉजी विशेषज्ञों के बीच बाइडेन और पीएम मोदी भी मौजूद रहे. जब अमेरिका टेक्नोलॉजी के बारे में सोचता है तो वो भारत के साथ जुड़ता है.

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