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सरकार गठन के बाद ओलंपिक-2036 के लिए मोदी सरकार ने तेज की तैयारियां, जल्द 1.4 अरब भारतीयों का सपना होगा साकार

एक तरफ मोदी 3.0 के मंत्री अपने-अपने मंत्रालय में 100 दिनों के एजेंडे पर गहन चिंतन-मनन कर रहे हैं, दूसरी तरफ खेल मंत्रालय में इस बात को लेकर चिंतन चल रहा है कि साल 2036 में कैसे भारत को ओलंपिक की दावेदारी मिले. टीवी9 भारतवर्ष को मिली जानकारी के मुताबिक, युवा एवं खेल मामलों के मंत्री डॉ मनसुख मांडविया ने इस बाबत अधिकारियों से बात की है. उन्होंने खेल मंत्रालय के इस एजेंडों को वार लेवल पर लागू करने को कहा है. साथ ही ओलंपिक की तैयारियों के लिए विशेष कमेटी के गठन का फैसला किया है.

पहली बैठक में इस बात का खास ध्यान देने की बात की गई है कि ओलंपिक के आयोजन से संबंधित हर चैनल से नियमित रूप से बात किया जाए. ओलंपिक आयोजन को लेकर फ्यूचर होस्ट कमीशन से सरकार की दो बार बातचीत हो चुकी है. केंद्रीय मंत्री ने साफ किया कि जल्द ही तीसरे दौर की बातचीत का मसौदा तय किया जाए और इस बाबत बातचीत की जाए.

खेल मंत्रालय की बैठक में इस बात पर खास जोर दिया गया है कि किस तरह से इसके आयोजन को लेकर सही तरह का कॉर्डिनेशन किया जाए. इसे लेकर खेल मंत्री की ओर से साप्ताहिक बैठक पर जोर दिया गया है. दावा यह किया जा रहा है कि ओलंपिक के आयोजन से संबंधित जितनी भी बातें हैं, उसे लेकर एक साप्ताहिक बैठक की जाए और कामकाज की सही तरीके से मॉनिटरिंग भी हो.

सूत्रों की मानें, ओलंपिक के लिए सबसे पहले इन्फ्रास्ट्रक्चर से संबंधित ढांचा का क्या स्वरूप होगा, इसके लिए कमेटी का गठन किया गया है. कमेटी के जरिए यह जानने की कोशिश की जाएगी कि जहां पर भी ओलंपिक के आयोजन की योजना बन रही है, वहां पर ऐसे कौन से इन्फ्रास्ट्रक्चर से संबंधित काम हैं, जिनका होना जरूरी है.

भारत ओलंपिक-2036 (Olympics 2036) की मेजबानी के लिए बोली लगाने को तैयार है. भारत सरकार खेलों की मेजबानी के लिए IOA यानी भारतीय ओलंपिक संघ (इंडियन ओलंपिक एसोसिएशन) की बोली का समर्थन करेगी. इसके लिए फिलहाल पहली प्राथमिकता के आधार पर गुजरात के अहमदाबाद को चुना गया है. हालांकि, इसमें कुछ और भी जगहों को शामिल किया जाना है, जिस पर चर्चा होना बाकी है.

बैठक में कई मसलों पर चर्चा हुई है. सबसे अहम है आईओसी के सदस्य देश. इन देशों में बहुमत के माध्यम से ही ओलंपिक कहां होगा, इसका चयन होता है. सूत्रों की मानें तो सदस्य देशों में अपनी पैठ बनाने के लिए भी सरकार ने कोशिश शुरू कर दी है. इसमें कुल 101 सदस्य हैं, जिनके पास मतदान का अधिकार है. इसके अलावा 45 माननीय और एक सम्मानित सदस्य हैं, जिनके पास मतदान का अधिकार नहीं है. ओलंपिक समिति में 50 से ज्यादा अंतरराष्ट्रीय खेल संघ के अध्यक्ष और सचिव भी शामिल हैं. इन देशों से डिप्लोमेटिक लेवल पर कैसे बात की जाए, इसे लेकर भी चर्चा हुई है.

ओलंपिक खेल का आयोजन 1896 से हो रहा है. आज तक भारत में इसका आयोजन नहीं हुआ है. अब तक विकसित देशों में ही इसका आयोजन होता रहा है लेकिन पिछले कुछ सालों में विकासशील देशों में इसके आयोजन की मांग तेज हुई है. 2032 तक के ओलंपिक का फैसला हो चुका है. इस कड़ी में 2036 के ओलंपिक का भारत प्रबल दावेदार है.

ओलंपिक-2036 के लिए जर्मनी, भारत, कतर, इंडोनेशिया, हंगरी, उत्तर और दक्षिण कोरिया तकनीकी रूप से पहले से ही कतार में हैं. इसके अलावा ब्रिटेन भी नया दावेदार हो गया है. ओलंपिक गेम के लिए जगह का चयन बहुत बारीकी से छानबीन के बाद किया जाता है. 2008 का ओलंपिक चीन में और 2016 का ओलंपिक ब्राजील में हुआ था. जिन देशों में ओलंपिक नहीं हुआ है अगर उनमें इसके आयोजन को प्राथमिकता दी जाती है तो भारत और इंडोनेशिया इसका प्रबल दावेदार है.

भारत एक तेजी से उभरती हुई अर्थव्यवस्था है. भारत की विकास दर में भी हाल के वर्षों में बढ़ोतरी देखने को मिली है. साथ ही भारत कॉमनवेल्थ गेम्स से लेकर जी20 जैसे बड़े आयोजनों की मेजबानी कर चुका है. एशियाड गेम्स भी भारत में हो चुका है. ओलंपिक के लिए जिस तरह के बुनियादी ढांचे की जरूरत होती है, उसे खड़ा करने में फिलहाल भारत सबल है.

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