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24 साल बाद नॉर्थ कोरिया जा रहे पुतिन, रूस के लिए क्यों जरूरी है ये दौरा?

यूक्रेन जंग के बीच आज से रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन उत्तर कोरिया के दौरे पर जा रहे हैं. कहा जा रहा है कि इस दौरे के दौरान उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन से विनाशक हथियारों पर सीक्रेट डील संभव हो सकती है और दोनों देशों के बीच सैन्य साझेदारी बढ़ेगी. पुतिन की इस यात्रा को लेकर चर्चा लंबे वक्त जारी है, जिसने पश्चिमी देशों में डर पैदा कर दिया है. दोनों नेतीओं की मुलाकात पर पूरी दुनिया की नजर है.

कहा जा रहा है कि उत्तर कोरिया को रूस एटमी हथियारों और मिसाइलों से संबंधित लेटेस्ट तकनीक दे सकता है. यही वजह है कि पुतिन के दो दिनों के उत्तर कोरिया दौरे से दक्षिण कोरिया, जापान से लेकर अमेरिका तक में बेचैनी है. पश्चिम देश जानना चाहते हैं कि आखिर पुतिन और उत्तर कोरिया का मकसद क्या है क्योंकि किम जोंग उन और पुतिन की मुलाकात विश्व विनाशक संकेत देने वाली है.

उत्तर कोरिया दौरा क्यों?
यूक्रेन युद्ध में पुतिन उलझे हुए हैं और और उत्तर कोरिया उनकी मदद कर रहा है. किम रूस में गोला बारूद भेज चुका है, लेकिन पुतिन अभी और हथियार चाहते हैं. वहीं, इसके बदले में किम एटमी तकनीक और आर्थिक मदद चाहते हैं. राष्ट्रपति पुतिन के लिए उत्तर कोरिया शुरुआत से ही काफी भरोसेमंद रहा है. 24 साल पहले पुतिन ने मार्च 2000 में राष्ट्रपति बनने के कुछ ही महीनों बाद जुलाई 2000 में प्योंगयांग का दौरे किया था. उस वक्त उन्होंने किम जोंग के पिता और नॉर्थ कोरिया के शासक किम जोंग इल से मुलाकात की थी. इस मुलाकात से रूस और उत्तर कोरिया के रिश्तों की मजबूत बुनियाद पड़ी थी.

पुतिन को जंगी हथियार दिखा सकते हैं किम
इस बीच किम ने पुतिन के दौरे से पहले वेपन डिपो में तैयारियों का जायजा लिया है. कहा जा रहा है कि किम जोंग अपने जंगी हथियारों का जखीरा राष्ट्रपति पुतिन को दिखा सकते हैं. किम ने वेपन डिपो का दौरा किया है, जिसमें घातक मिसाइलें दिखाई दी हैं. दोनों देशों की दोस्ती का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उत्तर कोरिया पुतिने के मुश्किल वक्त में साथ खड़ा हुआ है. 2012 में रूस ने भी उत्तर कोरिया के सभी कर्ज माफ कर दिए थे.

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