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RTO के सर्कुलर के बारे में क्या?: वडोदरा ट्राफिक विभाग और आरटीओ विभाग राम भरोसे, बिना परमिट दौड़ रही स्कूल वैन, गहरी नींद में है सिस्टम!

वडोदरा समेत पूरे राज्य में नया शैक्षणिक सत्र शुरू हो चुका है. हादसों के बाद सिस्टम हरकत में आता है और फिर पानी में बैठ जाता है. आज भी शहर में अधिकांश वैन टैक्सियां ​​स्कूल जाने वाले बच्चों के लिए स्कूल वैन के बिना ही चल रही हैं. एक-दो दिन के शैक्षणिक सत्र के बाद फिलहाल वडोदरा आरटीओ विभाग और ट्रैफिक पुलिस गहरी नींद में है. राज्य भर में आरटीओ और ट्रैफिक पुलिस की मुहिम के बावजूद वडोदरा में आरटीओ और ट्रैफिक पुलिस की मुहिम देखने को मिल रही है.

शैक्षणिक सत्र की शुरुआत में आरटीओ विभाग ने नियमों का पालन करते हुए स्कूल वैन, रिक्शा और बसों के लिए सर्कुलर जारी किया था. प्रारंभ में, यातायात पुलिस और आरटीओ ने स्कूल मालिकों पर नियमों का पालन करने के लिए कड़ी जाँच की, और स्कूल मालिकों ने हड़ताल करके अभिभावकों और सरकार को दबाने की कोशिश की. बाद में इस संबंध में आवश्यक लाइसेंस लेने का समय देते हुए हड़ताल समाप्त करायी गयी. आज भी वडोदरा शहर में हजारों स्कूल वैन, ज्यादातर टैक्सियां ​​बिना पासिंग के ही नजर आती हैं.

वडोदरा में स्कूल वैन धारकों ने आरटीओ और यातायात नीति नियमों का उल्लंघन किया है और वर्षों से बिना स्कूल वैन परमिट और टैक्सी पासिंग के अपने वाहनों को स्कूल वैन के रूप में चला रहे हैं. हर साल शैक्षणिक सत्र शुरू होते ही कुछ दिनों के लिए जांच की जाती है और स्कूल संचालकों पर जुर्माना लगाकर काम खत्म कर दिया जाता है. राजकोट के गेम जोन में आग लगने के बाद सरकार की आंखें खुली हैं और अग्नि सुरक्षा नियमों का सख्ती से पालन कराने की व्यवस्था बनाई गई है.

क्या सिस्टम अब भी किसी आपदा का इंतज़ार कर रहा है?

लेकिन इन नीति नियमों का पालन न करने वाले वाहन चालकों पर ट्रैफिक पुलिस और आरटीओ विभाग चुप क्यों है?, शहर में अब भी बच्चों की जान जोखिम में डालकर बेतहाशा तेज रफ्तार से वाहन क्यों दौड़ रहे हैं? क्या सिस्टम अब भी किसी आपदा का इंतज़ार कर रहा है? सुरक्षा नियमों के अनुपालन के लिए समझौता और समय क्यों दिया जाता है? सबसे बड़ा सवाल यह है कि हर साल की शुरुआत में होने वाली कार्रवाई के बाद आरटीओ विभाग और यातायात विभाग अपना काम ठीक से क्यों नहीं कर रहे हैं.

फिलहाल वडोदरा शहर में बिना टैक्सी पासिंग के स्कूल बसें हर जगह दौड़ रही हैं. आरटीओ विभाग से पास होने के बाद ही किसी टैक्सी को परमिट दिया जाता है. आरटीओ विभाग ने कहा, “हमने बहुत कम संख्या में परमिट मांगे थे और उनमें से सभी को रद्द कर दिया गया है क्योंकि वे उचित नीति नियमों के अनुरूप नहीं हैं.” शहर में अधिकांश स्कूल वैन बिना टैक्सी पासिंग के हैं, इसलिए हम आगे बढ़ेंगे. नियम यह है कि अगर स्कूल वैन के लिए परमिट लेना है तो पहले वाहन को टैक्सी से पास कराना होता है, फिर स्कूल वैन का परमिट मिलता है। इस संबंध में आरटीओ अधिकारी ने कहा कि हमने पहले भी कार्रवाई की थी और हम इस संबंध में कार्रवाई करेंगे.

उल्लेखनीय है कि वडोदरा शहर में आरटीओ विभाग और यातायात पुलिस ने शैक्षणिक सत्र की शुरुआत में दो दिवसीय अभियान चलाया था. जिसमें हजारों स्कूल वैन चालकों में से सिर्फ 50 चालकों पर ही कार्रवाई की गई. तो साफ है कि ये कार्रवाई सिर्फ दिखावे के लिए है. यदि आरटीओ विभाग और यातायात विभाग एक संयुक्त अभियान बनाकर इस अभियान को स्थाई रूप से संचालित करें तो निश्चित रूप से नियम-कायदों की धज्जियां उड़ाने वाले वाहन चालकों पर अंकुश लगेगा और बच्चों के जीवन की सुरक्षा भी बनी रहेगी.

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