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वडोदरा में विकास छूटा पीछे; सीएम से टकराव के बाद बीजेपी पार्षदों का पार्टी से मतभेद; कहा- ‘अधिकारी काम नहीं करें तो करें कार्रवाई

वडोदरा शहर पूरे देश में एक सुसंस्कृत और कला नगरी के रूप में जाना जाता है. साथ ही स्मार्ट सिटी कहा जाने वाला वडोदरा दिन-ब-दिन अनस्मार्ट होता जा रहा है. राज्य के मुख्यमंत्री ने वडोदरा के रुके हुए विकास को लेकर भी चिंता जताई. तो फिर वडोदरा के विकास में मलबा कौन फेंक रहा है? शहर के विभिन्न इलाकों में विकास पर ग्रहण क्यों लग गया है? वडोदरा शहर में तीस साल से बीजेपी का राज होने के बावजूद उनकी ही पार्टी का पार्षद अपने वार्ड में काम क्यों नहीं कर रहा है? ऐसे कई सवाल हैं. अब तक सत्ता पक्ष के खिलाफ विपक्ष ही आवाज उठाता रहा है. हालांकि, पिछले कुछ दिनों से सत्ता पक्ष के पार्षद ही अपने क्षेत्र की समस्या को लेकर मेयर और चेयरमैन के खिलाफ सवाल उठा रहे हैं और जमकर अपनी बात रख रहे हैं. उस समय दिव्यभास्कर ने मुखर सत्ता पक्ष के पार्षदों से अपनी ‘विकास की लड़ाई’ पर विस्तार से चर्चा की और उनकी राय जानी.

लोगों के काम नहीं होने पर उठानी पड़ती है. आवाज लोकसभा चुनाव खत्म होते ही शहर में निगम की स्थगित बैठकें एक के बाद एक हो रही हैं. जिसमें सत्ताधारी पार्टी बीजेपी के पार्षद ने अपने क्षेत्र में पानी, सीवरेज, भ्रष्टाचार समेत कई मुद्दों को लेकर अपनी ही पार्टी के मेयर और चेयरमैन के सामने जमकर खरी-खोटी सुनाई और मामले का जल्द से जल्द निपटारा करने और उचित कार्रवाई करने की मांग की. दो-हिरन अधिकारी। वे ठीक से काम नहीं करने वाले ठेकेदारों को ब्लैकलिस्ट करने की आवाज उठा रहे हैं. तो फिर यह कहा जा सकता है कि अगर निगम अपने क्षेत्र में लोगों के प्रति उचित काम नहीं कर सकता है, तो लोगों की ओर से आवाज उठाना जरूरी हो जाता है. फिर कुछ बीजेपी पार्षद पिछले कई दिनों से वडोदरा के विकास में बाधा डालने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग उठा रहे हैं.

एक महिला पार्षद ने पानी की समस्या के लिए अधिकारी को जिम्मेदार ठहराया

वार्ड नंबर 16 के भाजपा पार्षद स्नेहल पटेल ने कहा कि हमारे क्षेत्र में पानी की समस्या है, हम इसे लेकर अक्सर अवगत करा रहे हैं और काम किया जा रहा है. पानी का बहाव नहीं होने के लिए मुख्य जिम्मेदार अधिकारी हैं. प्रत्येक नगरसेवक क्षेत्रों में काम कर रहा है, लेकिन मुख्य जिम्मेदार अधिकारी हैं और उन्हें नियंत्रण में रहना चाहिए. यहां से सख्त निर्देश दिया जाए कि कोई भी काम बहुत तेजी से किया जाए.

पार्षद या विधायक अधिकारी फोन उठाएं

आगे उन्होंने अधिकारियों के बारे में पूछते हुए कहा कि कुछ सीमा होती है कि जब कोई पार्षद या विधायक फोन करता है तो अधिकारी फोन उठाएं और काम करें. हमारे क्षेत्र में पानी की समस्या बहुत गंभीर है. अब चेयरमैन ने कहा है कि नया बूस्टर लगाना है, वर्क ऑर्डर भी दे दिया गया है. लेकिन फिलहाल जगह न मिलने के कारण इसे रोक दिया गया है. वर्तमान में वासा झील चालू है और सोसाइटियों के बीच स्थित है और जब बारिश के कारण यह भर जाती है तो पूरी सोसाइटी जलमग्न हो जाती है. हम इस मामले को वर्षों से प्रस्तुत कर रहे हैं और यह प्रस्तुत कर चुके हैं कि यह काम जल्द ही पूरा हो जाएगा. पानी की समस्या पर सवाल करते हुए उन्होंने कहा कि सुबह सात बजे से फोन घनघनाने लगते हैं और दिन भर पानी के लिए फोन आते रहते हैं. नागरिक उन्हें वोट देते हैं, इसलिए यह स्वाभाविक है कि वे हम पर भरोसा करते हैं. मैं इस मुद्दे पर हमेशा लड़ता रहा हूं और लड़ूंगा, हम पानी लाकर रहेंगे.’

कार्य के संबंध में प्रत्यावेदन संबंधित पार्षद को ही प्राप्त होता है

इस संबंध में वार्ड नंबर 19 के भाजपा पार्षद घनश्याम पटेल ने कहा कि ऐसा कुछ नहीं है, लेकिन जब हमारे वडोदरा शहर के अंदर वरिष्ठ अधिकारी को सीधे तौर पर शिकायत नहीं मिलती है. मामले का प्रस्तुतिकरण केवल उस स्थानीय पार्षद के पास जाता है. ये काम करने लायक है और ये काम होना चाहिए. हम यहां सुझाव भेजते हैं और फिर टेंडरिंग प्रक्रिया की जाती है और फिर स्थगित कर दी जाती है और फिर दोबारा टेंडरिंग प्रक्रिया की जाती है.

अधिकारियों को स्थानीय पार्षद से काम के बारे में पूछना चाहिए

उन्होंने आगे कहा, तो फिर आपको पार्षद से पूछना चाहिए कि यह काम कितना महत्वपूर्ण है. क्योंकि इस मामले में अधिकारियों द्वारा सर्वे किया जाता है और फिर यह काम तय किया जाता है. इसके बाद यह कह कर काम रद्द कर दिया जाता है कि कीमत बढ़ गयी है. ये काम आज नहीं तो कल करना ही है. क्योंकि, काम का महत्व इतना है और अगर इसे नहीं किया गया तो इसके बिना बाकी काम भी रुक जाएंगे. इसलिए इस मामले में स्थानीय पार्षद से पूछना चाहिए और फिर आगे बढ़ना चाहिए, अगर कोई काम रद्द करना है तो स्थानीय पार्षद से एक बार पूछना चाहिए और मेरी राय है.

भाजपा के वार्ड नंबर 15 के पार्षद आशीष जोशी ने कहा कि चुनाव के बाद पिछले तीन-चार दिनों से स्थगित बैठकें हो रही हैं. इसी तरह सभी वार्डों के पार्षद अपने-अपने वार्डों की समस्याएं रख रहे हैं. भाजपा नगरसेवक स्नेहाबेन और घनश्यामभाई ने प्रस्तुत किया कि यदि पिछले तीन वर्षों में अटल ब्रिज पर कोई काम किया गया है, तो बेहिन के वार्ड में पानी की समस्या थी. मैंने अपने वार्ड में जो मुद्दा उठाया है वह यह है कि 2017 से आज तक प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत जो काम शुरू किया गया वह आज तक पूरा नहीं हुआ है.

सात साल बाद भी यह काम पूरा नहीं हुआ

उन्होंने आगे कहा कि इस साल 2017 से 2024 तक विभाग और मुखिया की ओर से 10 बार नोटिस दिया जा चुका है. ठेकेदार के खिलाफ कोई सख्त कार्रवाई न करके सिर्फ नोटिस जारी कर अधिकारी अपनी जिम्मेदारी से बच जाते हैं. टेंडर की शर्त के मुताबिक जो काम 18 माह में पूरा होना था, वह सात साल बाद भी पूरा नहीं हो सका है. इसके कारण पिछले सात वर्षों से गरीब लोग किराये के लिए संघर्ष कर रहे हैं. नोटिस में यह भी साफ लिखा है कि किराए के लिए अक्सर मोर्चे होते रहते हैं. इसलिए हमने इस मामले पर गंभीरता से ध्यान दिलाया है.’ सिर्फ नोटिस ही नहीं बल्कि सख्त कार्रवाई भी की गई है. इस संबंध में प्रधानमंत्री की महत्वाकांक्षी योजना है कि हर किसी को अपना घर मिले. यदि ठेकेदार स्वयं सात साल तक काम नहीं करता है तो ऐसे ठेकेदार को अधिकारियों या अधिकारियों द्वारा काली सूची में डाल दिया जाना चाहिए और पूरी योजना निगम द्वारा तैयार की जानी चाहिए.

तीस साल तक बीजेपी का राज

वार्ड नंबर एक की पार्षद और विपक्ष की नेता अमी रावत ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी तीस-तीस साल से शासन कर रही है और उनके शासन के दौरान उनके ही मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष यह तर्क दे रहे हैं कि वडोदरा विकास में पिछड़ गया है . भले ही वडोदरा के नागरिकों ने गलत वोट दिया हो, लेकिन इस चुनाव के बाद बीजेपी पार्षद को एहसास हो गया है कि पूरे देश की जनता जागरूक हो गई है.

नगर अध्यक्ष का ऐलान, वोट नहीं तो विकास नहीं! उन्होंने आगे कहा कि वड़ोदरा शहर में पांच लाख बयासी वोटों से जीत हुई है और मानो शहर अध्यक्ष के दिमाग से यह सफलता उतर गई हो, उन्होंने घोषणा कर दी है कि जिस क्षेत्र से वोट मिलेगा उस क्षेत्र के कार्यों के लिए कोई अनुदान आवंटित नहीं किया जाएगा. प्राप्त नहीं है. जो इस लोकतंत्र से परे है. यह जनता के टैक्स का पैसा है और जनता आप लोगों पर भरोसा करके भेजती है. फिर अगर किसी क्षेत्र में विकास नहीं हुआ, किसी क्षेत्र में कुछ बुनियादी ढांचा नहीं है तो फिर शहर का विकास क्यों. वडोदरा में सफलता और देशभर में पीछे हटना दोनों ने कुछ पार्षदों की चेतना जगा दी है. हो सकता है कि अपने मुख्यमंत्री के टकराव के बाद जागे हों या तीस साल के भाजपा शासन में छूटे कामों को पेश करना शुरू कर दिया हो.

अब भाजपा पार्षद भ्रष्टाचार के आरोप लगा रहे हैं

उन्होंने आगे कहा कि आप शहर हित में समर्पण कर दीजिए, अगर आपकी पार्टी टिकट नहीं देगी तो हम मुस्कुराते हुए टिकट देंगे. वडोदरा शहर में जहां भी समस्या है, अब उनके ही पार्षद भ्रष्टाचार के आरोप लगा रहे हैं। जिसमें हाउसिंग बोर्ड या जर्जर पेयजल लाइनों को बदलने का काम शुरू किया गया है. डोर टू डोर पट्टाधारक के संबंध में प्रेजेंटेशन दिया गया और हरणी नाव कांड में कोई न्याय नहीं मिला, स्कूल पर कोई कार्रवाई नहीं हुई. सत्ता पक्ष को जागने की जरूरत है, जनता को जागने की जरूरत है और अब तो अपनी ही पार्टी के सत्ताधारी ही बोलने लगे और सांसद पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों के कारण सांसद का टिकट बदल दिया गया. इसलिए अब वडोदरा के लोगों को जागने की जरूरत है.

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