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Parliament Session: राज्यसभा में जेपी नड्डा को मिली बड़ी जिम्मेदारी, बनाए गए नेता सदन

Parliament Session: 18वीं लोकसभा के पहले संसद सत्र में सांसदों ने सोमवार (24 जून) को शपथ ली. इस बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा को बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई है. बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को राज्यसभा में नेता सदन बनाया गया है.

वहीं, 18वीं लोकसभा के पहले सत्र की पहली बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उनकी मंत्रिपरिषद के सदस्यों के साथ ही अन्य नवनिर्वाचित सदस्यों ने सदन के सदस्य के रूप में शपथ ली. कार्यवाहक अध्यक्ष (प्रोटेम स्पीकर) भर्तृहरि महताब ने सदन की कार्यवाही शुरू कराई और सदस्यों को शपथ दिलाई.

 

प्रधानमंत्री मोदी हाल में संपन्न लोकसभा चुनाव के बाद लगातार तीसरी बार सत्ता में लौटे हैं. पीएम मोदी और उनकी मंत्रिपरिषद ने नौ जून को शपथ ली थी. प्रधानमंत्री मोदी तीसरी बार वाराणसी लोकसभा सीट से निर्वाचित हुए हैं. कार्यवाही शुरू होते ही सदन के नेता होने के नाते नरेंद्र मोदी ने सबसे पहले शपथ ली.

पीएम मोदी ले रहे थे शपथ तो राहुल गांधी ने हाथ में ले रखा था संविधान

 

इस दौरान सत्ता पक्ष के सदस्यों ने ‘मोदी मोदी’ और ‘जय श्री राम’ के नारे लगाए. प्रधानमंत्री के शपथ ग्रहण करते समय कांग्रेस नेता राहुल गांधी समेत विपक्षी सदस्य अपने स्थानों पर संविधान की प्रति लेकर खड़े थे. जब गृह मंत्री अमित शाह शपथ लेने आए तब भी विपक्षी सदस्यों ने संविधान की प्रति अपने हाथ में ले रखी थी. हालांकि इस दौरान वे अपने स्थानों पर बैठे हुए थे.

 

सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले महताब ने राष्ट्रपति भवन में सदन के सदस्य और कार्यवाहक अध्यक्ष के रूप में शपथ ली थी. उन्हें राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शपथ दिलाई. प्रधानमंत्री मोदी के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ सदस्य राधा मोहन सिंह और फग्गन सिंह कुलस्ते ने सदस्य के रूप में शपथ ली. दोनों सदस्य अगले दो दिन सदन की कार्यवाही के संचालन में कार्यवाहक अध्यक्ष महताब की सहायता करेंगे.

 

कांग्रेस ने प्रोटेम स्पीकर के निर्वाचन पर जताई आपत्ति

 

कांग्रेस सदस्य के सुरेश, द्रमुक के टीआर बालू और तृणमूल कांग्रेस के सुदीप बंदोपाध्याय को भी सिंह और कुलस्ते के साथ पीठासीन सभापतियों के पैनल में चुना गया है, लेकिन उन्होंने शपथ नहीं ली. कांग्रेस ने प्रोटेम स्पीकर के रूप में महताब के निर्वाचन पर आपत्ति जताई. विपक्षी दल का कहना है कि इस पद पर निर्वाचन के लिए उसके आठ बार के सदस्य सुरेश की अनदेखी की गई है.

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