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‘भंगार लेवणों है काई’ रील से चर्चित कबाड़ खरीदने वाले बाबा ने किया सुसाइड, युवाओं के चिढ़ाने से थे आहत

राजस्थान के फलोदी जिले के एक वृद्ध ने पेड़ पर रस्सी का फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली. वृद्ध को पिछले दिनों से रेहड़ी के साथ ‘भंगार बाबा’ के नाम से जाना जा रहा था. कई युवाओं ने उनको लेकर इंस्टाग्राम पर मीम्स और रील्स बनाकर अपलोड किए थे. सोशल मीडिया पर वायरल वीडियोज में बुजुर्ग को युवाओं पर गुस्सा करते देखा गया.

रविवार शाम को भी कुछ लोग बुजुर्ग को चिढ़ा रहे थे. इस दौरान परेशान होकर वृद्ध पेड़ पर चढ़े और फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली. माना जा रहा है कि युवाओं के चिढ़ाने से बुजुर्ग आहत हो गए थे. यही वजह है कि वृद्ध के आत्महत्या करने पर अब सोशल मीडिया पर Reels बनाने वालों की कड़ी आलोचना की जा रही है. ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की जा रही है. फिलहाल पुलिस ने मर्ग कायम कर मामले की जांच शुरू कर दी है.

लोहावट पुलिस थाना के सहायक उप निरीक्षक (ASI) शैतानाराम पंवार ने बताया कि घटना की जानकारी पर पुलिस मौके पर पहुंची तथा शव को पेड़ से नीचे उतारा. मौका स्थल पर एक रेहड़ी मिली. जिसमें कुछ पुराना सामान भी मिला. वहीं, उसके पास प्रतापराम पुत्र केसराराम प्रजापत निवासी चौहटन बाड़मेर के दस्तावेज मिले.

दरअसल, कुछ समय पहले एक जापानी पर्यटक मगुनी जब लोहावट आई थी तो उसने बुजुर्ग को ठेला खींचते देख मदद के लिए पूछा था. जवाब में वृद्ध ने कहा था- ‘भंगार लेवणो है काई?’ वृद्ध की इस बात का वीडियो तेजी से वायरल हुआ था.

इसके बाद लड़के-बच्चे राह चलते बुजुर्ग को बार-बार यही बात कहकर चिढ़ाने लगे थे. सोशल मीडिया पर इसी नाम से अकाउंट भी बना दिए गए. प्रतापराम अपने परिवार से 6- 7 साल से दूर खानाबदोश की तरह रह रहे थे. दो बेटे और दो बेटियां हैं. सभी शादीशुदा हैं.

बुजुर्ग प्रतापराम दिमागी रूप से सही नहीं थे. पुलिस ने बताया कि मृतक के दोनों बेटे गुजरात में काम करते हैं जिन्हें सूचना दे दी गई है. सोशल मीडिया पर चिढ़ाने की बात पर पुलिस जांच कर रही है.

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