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ग्रो पर धोखाधड़ी का आरोप: यूजर ने कहा- निवेश की राशि रिडीम नहीं हो रही, ग्रो का दावा- निवेश हुआ ही नहीं

इन्वेस्टिंग प्लेटफॉर्म ग्रो पर एक निवेशक ने धोखाधड़ी का आरोप लगाया है. यूजर ने दावा किया कि ग्रो के जरिए इन्वेस्ट किए गए अमाउंट को वह रिडीम नहीं कर पा रहा है. यूजर ने इस मामले को सोशल मीडिया पर शेयर किया जिसके बाद मामले ने तूल पकड़ लिया.

हालांकि ग्रो ने किसी भी तरह के निवेश से इनकार किया और अपनी ओर से टेक्निकल गलती मानते हुए ‘गुड फेथ’ में ​​​​​​ ग्राहक को क्लेम अमाउंट दे दी। इस मामले में प्लेटफॉर्म ने ग्राहक से निवेश की डिटेल मांगी है.

क्या है पूरा मामला ?
हाल ही में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर हनेंद्र प्रताप सिंह नाम के एक यूजर ने ग्रो पर आरोप लगाया कि उसकी बहन ने ग्रो से म्यूचुअल फंड में निवेश किया. उसके अकाउंट से 10,000 रुपए डेबिट हुए और निवेश का फोलियो नंबर भी जनरेट हुआ.  इन्वेस्टर के मुताबिक उसके अकाउंट में फंड से जुड़ी जानकारी भी दिखाई दे रही थी.

 

ग्रो ने दावा किया की कस्टमर ने कभी कोई निवेश किया ही नहीं।

 

ग्रो ने कहा- गलती से डिस्प्ले हुआ इन्वेस्टमेंट फोलियो
यूजर के आरोप के बाद कंपनी ने एक डिटेल जवाब दिया और निवेशकों के कन्फ्यूजन दूर करने की कोशिश की.  ग्रो के अनुसार, निवेशक ने 25 सितंबर, 2020 को BSE के बैंक मेंडेट से डायरेक्टली लिंक्ड (ISIP) के जरिए 10,000 रुपए का निवेश शुरू किया था.

इस सिस्टमेंटिक इन्वेस्टमेंट प्लान यानी SIP का ट्रांजैक्शन सीधा BSE के जरिए हुआ था. इस ट्रांजैक्शन का एक ऑर्डर ID (1XXXXXXX6) भी कस्टमर को मिला था. फिनटेक प्लेटफॉर्म ने कहा, ’27 जून 2022 को हमें RTA रिवर्स फीड फाइलों में एक अलग फोलियो के लिए 50,000 रुपए का एक और लेनदेन दिखा.

जिसका ऑर्डर आईडी भी पुराना वाला ही था. इसी के चलते जब हमारे सिस्टम ने फाइल को प्रोसेस किया तो दोनों ऑर्डर ID एक समान होने के चलते 10,000 रुपए का ट्रांजैक्शन 50,000 रुपए में अपडेट हो गया. यहीं स्टेटस यूजर के पोर्टफोलियो में भी डिस्प्ले हुआ.

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