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नर्सिंग घोटाला : डॉ साधौ का वार, पकड़े गए तो ठीकरा हमारे सिर फोड़ रहे

भोपाल: बहुचर्चित नर्सिंग घोटाले पर बीजेपी और कांग्रेस के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर चल रहा है. मंत्री विश्वास सारंग ने आरोप लगाया कि जो 66 नर्सिंग कॉलेज अनसुटेबल पाए गए थे. उनमें से 39 कॉलेज कमलनाथ सरकार के दौरान खुले थे. सारंग के आरोपों पर कमलनाथ सरकार में चिकित्सा शिक्षा मंत्री रहीं डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ने जवाब दिया है. उन्होंने कहा कि यह बड़ा हास्यास्पद है कि जब उनकी चोरी पकड़ी गई तो किसी और के सिर पर ठीकरा फोड़ रहे हैं. शिवराज सिंह की सरकार में करीब 600 से 650 नर्सिंग कॉलेज थे. उसके बाद कमलनाथ की सरकार में मुझे चिकित्सा शिक्षा मंत्री बनाया गया. जब हमारे पास चीजें आने लगी कि ऐसे नर्सिंग कॉलेज चल रहे हैं किसी का मकान भी नहीं है तो कोई एक-दो कमरे में चल रहा है. किसी कॉलेज में कुछ और गड़बड़ी है तो हम लोगों ने अधिकारियों से छानबीन कराकर पूरे नियम बनाए.

ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया शुरू

साधौ ने कहा कि नर्सिंग कॉलेज के नियमों में हमने यह तय किया कि नर्सिंग कॉलेज के लिए ऑनलाइन आवेदन करना होगा. ऑनलाइन आवेदन में ट्रांसपेरेंसी थी. ऑनलाइन आवेदन करते वक्त व्यक्ति को यह बताना पड़ता है कि कहां पर बिल्डिंग है, लैब है या नहीं, जो नियम हैं उसके अनुसार बिल्डिंग है या नहीं? यह सारी चीजें ऑनलाइन दर्ज करनी होती थीं.

डीएमई की अध्यक्षता में बनी कमेटी और नर्सिंग काउंसिल रजिस्ट्रार यह तय करते थे. गुण दोष के आधार पर उसे अनुमति देते थे। उस समय हम लोगों ने 150 से 200 नर्सिंग कॉलेजों की मान्यताएं रद्द की थीं.
हमने यह तय किया कि नर्सिंग कॉलेज से 10 लाख रुपए के बॉन्ड भरवाएंगे और 3 साल के अंदर खुद की नर्सिंग कॉलेज की बिल्डिंग बनाकर तैयार करनी है. अगर 3 साल में बिल्डिंग नहीं बनाई तो यह बॉन्ड का पैसा राजसात हो जाएगा. यह हम सिस्टम लागू कर रहे थे हमने 150 से 200 नर्सिंग कॉलेजों की संबद्धता निरस्त की. हम यह प्रक्रिया कर ही रहे थे लेकिन हमारी सरकार से 15 महीने चली और उसमें 4 महीने लोकसभा के आचार संहिता में चले गए. हमें सिर्फ 9 महीने में सिर्फ एक सत्र मिला और उस सत्र में हमने डेढ़ सौ से 200 नर्सिंग कॉलेज की मान्यताएं समाप्त की थीं.

हम काम कर रहे थे कि सरकार चली गई

साधौ ने कहा कि हम तो काम कर ही रहे थे उनके बिगड़े हुए काम और घोटालों को हम ठीक कर रहे थे उसके बाद हमारी सरकार चली गई. कोरोना काल में इन्होंने घोटाले किए हैं. ये बताएं कि वे अपने कार्यकाल में क्या करते रहे? जहां तक मेरी जानकारी है कि उनके कार्यकाल में और ज्यादा नर्सिंग कॉलेजों को स्वीकृति दी गई. किस आधार पर स्वीकृतियां दीं. ये तो उनसे पूछना चाहिए. इनके घोटाले हमारे सिर पर क्यों ठीकरे फोड़ रहे हैं यह गलत कर रहे हैं. जो इनको करना चाहिए वह दूसरों के सिर पर डाल रहे हैं. मेरे कार्यकाल में तो बहुत साफ सुथरा काम हुआ.

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