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24 आश्रम, 25 गाड़ियों का काफिला, 100 करोड़ की संपत्ति… जानिए ‘भोले बाबा’ के पास क्या-क्या है? 

बीते दो जुलाई को हाथरस में हुए हादसे (Hathras Stampede) में 120 से ज्यादा लोगों की जान चली गई. ‘भोले बाबा’ और नारायण साकार विश्व हरि के नाम से मशहूर सूरज पाल (Bhole Baba Suraj Pal) के सत्संग के दौरान मौत की ऐसी भगदड़ मची की, सैकड़ों जिंदगियां पलभर में काल के गाल में समा गईं. इस घटना के बाद अब तक सूरज पाल का पता नहीं चल रहा है कि बाबा कौन सी गुफा में छुपा है, कौन से आश्रम के किस तहखाने में छुपा है? दरअसल, बाबा के पास एक-दो नहीं बल्कि 24 आश्रम हैं, जबकि इसका 100 करोड़ रुपये का विशाल साम्राज्य है. आइए जानते हैं कि भगोड़े बाबा के पास क्या-क्या है…

 

UP समेत देशभर में फैला बाबा का साम्राज्य

‘भोले बाबा’ का नाम दो जुलाई के बाद से चर्चा में है. इसके सत्संग के दौरान मची भगदड़ में 121 जानें चली गईं. बाबा सूरज पाल जाटव ने अपने लाखों भक्तों के भरोसे को सहारा बनाकर करोड़ों का साम्राज्य खड़ा किया है और खास बात ये है कि भक्तों की मानें तो बाबा एक रुपया भी दान नहीं लेते थे. फिर भी भक्तों की आस्था और विश्वास के बूते बाबा सूरज पाल ने देशभर में अपना धंधा फैला रखा था. बाबा नारायण साकार विश्व हरि भले ही अपने भक्तों से कोई दान नहीं लेता था, लेकिन उसने बड़े ही शातिर तरीके से कई ट्रस्ट बनाए और उनके नाम से जायदाद खरीदी. इसके चलते खासकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश समेत देश के कई राज्यों में बाबा ने महलनुमा आश्रम भी खड़े कर दिए.

 

खुद नहीं लेते थे दान, फिर कैसे आती थी मोटी रकम?

बाबा के साम्राज्य की बात करें, तो ये करीब 100 करोड़ रुपये का बताया जाता है. इसमें ज्यादातर अचल संपत्ति शामिल है, जो बाबा द्वारा बनाए गए ट्रस्ट के जरिए खरीदी गई है. देशभर में करीब 24 आश्रम होने का पता चला है. सूरज पाल सिंह जाटव ने 24 मई 2023 को अपनी सारी संपत्ति नारायण विश्व हरि ट्रस्ट के नाम कर दी थी और इस ट्रस्ट को बाबा के सबसे भरोसेमंद सेवादार ही संचालित करते हैं. सूरज पाल उर्फ भोले बाबा खुद को दान से अलग रखते हैं, लेकिन ट्रस्ट के जरिए बेशुमार दान जुटाया जाता है. मैनपुरी आश्रम में लगे एक बोर्ड को देखें, तो इसमें तमाम दानदाताओं के बारे में जानकारी दी गई है और इसमें 10,000 रुपये से लेकर 2.5 लाख रुपये तक का दान देने वाले दानकर्ताओं का जिक्र है.  जो बात सामने आई है, उसमें पता चलता है कि खुद के नाम संपत्ति नहीं खरीदकर ये बाबा स्थानीय लोगों को ट्रस्टी बनाता था.

हर महननुमा आश्रम की कीमत करोड़ रुपये!

भक्तों के इस दान के जरिए बाबा ने आलीशान महलनुमा आश्रम खड़े किए हैं, जिनमें से हर की कीमत करोड़ों में है. हालांकि ये आश्रम सीधे बाबा के नाम पर नहीं है. राम कुटीर चैरिटेबल ट्रस्ट की ओर से इसका निर्माण कराया गया है. पहली बार बाबा के एक आश्रम के भीतर जाकर बाबा के हर राज को खंगाला. कानपुर का ये आश्रम किसी आलीशान राजमहल से कम नहीं है. आश्रम में महंगे झूमर, बाबा का राजशाही सिंहासन देखते ही बनता है. इस आश्रम की तरह ही बाबा के दूसरे आश्रम भी आलीशान हैं. करोड़ों में बनकर तैयार हुए इन आश्रमों को कहने के लिए ट्रस्ट चलाता है. लेकिन जाहिर है कि बाबा दूसरों का नाम आगे रखता था. कानपुर के अलावा बाबा के मैनपुरी, बिधनू, इटावा, कासगंज और नोएडा में महल के जैसे आश्रम मौजूद हैं.

 

लग्जरी गाड़ियों का काफिला, सुरक्षा में 5000 जवान

अनुमानित 100 करोड़ रुपये की संपत्ति का मालिक भोले बाबा के सुरक्षा घेरे की बात करें, तो सूरज पाल उर्फ नारायण साकार हरि ने एक पिंक आर्मी बनाई, जिसमें कम से कम 5000 जवान थे. खास बात ये कि ये पिंक आर्मी बाबा के हर सत्संग में सुरक्षा तीन लेयर में बनाती थी. करीब 5,000 ज्यादा पिंक जवानों वाली इस आर्मी में बाबा के पर्सनल 100 ब्लैक कैट कमांडो भी शामिल थे. वहीं बाबा के सुरक्षा घेरे में 25 से 30 लोगों का खास हरिवाहक दस्ता भी शामिल था. न केवल बाबा का सुरक्षा घेरा बड़ा था, बल्कि उनकी गाड़ियों का काफिला भी अपने आप में चर्चा बना रहता है. इस काफिले में एक से बढ़कर लग्जरी कारें शामिल हैं. बताया जाता है कि काफिले में 25 से 30 गाड़ियां हर वक्त होती थीं, जिनमें शामिल फॉर्च्यूनर गाड़ी से खुद बाबा चलते थे.

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