कांग्रेस नेता राहुल गांधी लोकसभा में विपक्ष की मुखर आवाज बन कर उभरे हैं. लोकसभा चुनाव के बाद नेता प्रतिपक्ष बनाए जाने के बाद राहुल गांधी ने संसद में केंद्र सरकार पर कई बार जमकर हमला बोला है. स्वतंत्रता दिवस पर राहुल गांधी ने सोशल मीडिया पर कहा कि लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष का पद एक संवैधानिक पद नहीं है, बल्कि यह करोड़ों भारतीयों की आवाज है. उन्होंने अपने एक पोस्ट में बताया कि LoP बनने के बाद उन्होंने 9 राज्यों का दौरा किया है और 9 बार संसद में भाषण दिया.
राहुल गांधी ने कहा, “लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष (LoP) सिर्फ एक संवैधानिक पद नहीं है, बल्कि ये करोड़ों भारतीयों की आवाज भी है. विपक्ष के नेता के रूप में, मैं अपनी पहली जिम्मेदारी मानता हूं कि देश के गरीबों, वंचितों और पीड़ितों की तकलीफें सुना जाए. उनकी समस्याओं को जानना और उनका समाधान निकालना भी जिम्मेदारी है.”
’50 दिनों में हर किसी की बात सुनी’
उन्होंने आगे कहा, “और, फिर सड़क से लेकर संसद तक उनकी आवाज उठाकर, सरकार पर दबाव डालते हुए इनका निदान करना हमारा काम है.” उन्होंने आगे कहा, बीते 50 दिनों में, मैंने समस्याओं से जूझ रहे देश के कई लोगों से और समुदायों से मुलाकात की. हर किसी ने दिल खोल कर अपनी बातें रखीं और पूरी गंभीरता से उनकी बातें सुनी.”
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि हर समूह के मुद्दे सरकार के सामने रखे गए, उनका समाधान भी प्रस्तुत किया. साथ ही अपने साथी भारतीयों को ये भरोसा दिया कि वो जो भी हैं, उनकी जैसी भी मजबूरियां हों, उनकी बातें सुनी जाएगी, उन्हें व्यक्त करने का उचित प्लेटफॉर्म भी मिलेगा. उन्होंने कहा, “विपक्ष या सत्ता, जहां भी रहूंगा, आपका हूं, आपका ही रहूंगा – निरंतर भारत और भारतीयों की आवाज बुलंद करता रहूंगा.”
बतौर LoP 9 राज्यों का दौरा किया
साथ ही पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक फोटो भी पोस्ट की, जिसमें उन्होंने बताया कि नेता प्रतिपक्ष बनने के बाद पिछले 50 दिनों में उन्होंने 9 राज्यों का दौरा किया. इसके अलावा संसद की कार्यवाही के दौरान उन्होंने सदन में 9 बार अपनी बात रखी. लोकसभा के समक्ष राहुल ने NEET, मणिपुर हिंसा, अग्निवीर, एमएसपी, जातिगत जनगणना और बजट चक्रव्यूह जैसे ढेरों मुद्दों पर अपनी बात रखी.
बतौर नेता प्रतिपक्ष उन्होंने 5 प्रेस कॉन्फ्रेंस भी किया. इसके अलावा 25 से अधिक बार राहुल ने आम लोगों से मुलाकात की और उनका हालचाल लिया. इसमें मजदूर, किसान, लोको पायलट, नीट के छात्र और सफाईकर्मी भी शामिल हैं.
मणिपुर के लोगों से मिले राहुल गांधी
दूसरी ओर, राहुल गांधी ने देश के 78वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर दिल्ली में रहने वाले मणिपुर के लोगों के एक ग्रुप से मुलाकात की. साथ में उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हिंसा से ग्रस्त राज्य का दौरा करने और शांतिपूर्ण समाधान की दिशा में पहल करने का अनुरोध किया.
मुलाकात के बाद राहुल गांधी ने सोशल मीडिया मंच X पर पोस्ट किया, “आज, मैंने दिल्ली में रहने वाले मणिपुर के लोगों के एक ग्रुप से मुलाकात की, जिन्होंने राज्य में जातीय हिंसा की शुरुआत के बाद से अपने हृदय विदारक संघर्षों को साझा किया.” राहुल गांधी के मुताबिक, “इन लोगों ने प्रतिशोध के डर से हमसे यह अनुरोध किया कि उनके चेहरे न दिखाए जाएं.”
राहुल को पांचवीं पंक्ति में मिली सीट
राहुल गांधी को कल बुधवार रात ही उनकी सुरक्षा में लगी सीआरपीएफ ने 5वीं पंक्ति में उनकी सीट के बारे में बता दिया था. राहुल के बगल में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, फिर उनकी पत्नी और सांसद संजय सेठ को सीट अलॉट थी. राहुल जो सीट दी गई उसी पर जाकर बैठे. उन्होंने सीट बदलाव की कोई बात नहीं की.
पीएम नरेंद्र मोदी का आधा भाषण बीत जाने के बाद अधिकारी राहुल गांधी के पास आए और उनसे कहा कि आप आगे आ जाइये. तब राहुल ने कहा कि, जो और जहां मुझे सीट दी गयी मैं वहीं ठीक हूं.