भाजपा का भावनात्मक खेल राष्ट्र के लिए, हम सभी के लिए बेहद खतरनाक है। गाय को माँ कहा जाता है, और भाजपा हमारे इस भाव हमारी आस्था का कितना घृणित फायदा उठाती है|
2015 में तत्कालीन केरल बीजेपी अध्यक्ष वी. मुरलीधरण ने कहा था की लोग चाहे तो गौमांस खा सकते है। 2017 में केरल के मल्लापुरम विधानसभा उप चुनाव में बीजेपी के उम्मीदार एन. श्रीप्रकाश ने कहा था ‘मुझे वोट दो, मैं साफ सुथरे अच्छे गौमांस उपलब्ध कराऊंगा। मेघालय चुनाव के दौरान फ़रवरी 2023 में बीजेपी के तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष अर्नेस्ट मावरी ने कहा है कि मैं बीफ खाता हूं और मैं बीजेपी में हूं, इसमें मुझे कोई दिक्कत नहीं है। गोवा के बीजेपी विधायक माइकल लोबो ने विधानसभा में गोवा में बीफ सप्लाई बढ़ाने की मांग की थी। 2020 में गोवा के बीजेपी मुख्यमंत्री श्री प्रमोद सावंत ने गोवा में गौमांस को बढ़ावा देने के लिए वह व्यापारियों को अपने राज्य में मवेशी लाने और हत्या की इजाज़त देने की बात कही थी। ये सिर्फ कुछ उदाहरण है जो भाजपा की हकीकत सामने ला रहें है।
कुछ बीजेपी के दिवंगत नेताओं के भी गौमांस पर बयान बीजेपी की धर्म की राजनीति की सच्चाई सामने लाते है, अब उनका जिक्र करना उचित नहीं होगा। भाजपा शासन में गुंडों ने गौरक्षा के नाम पर हिंदू धर्म के लोगों की भावनाएँ भड़काई, सामाजिक द्वेष फैलाया, लेकिन आज तक भाजपा ने गौरक्षा के नाम पर कुछ नई किया। बस गौवंश का घर लूटने, उन्हें बेघर करने का पाप किया है, गाय के नाम पर वोट लिया है। छत्तीसगढ़ में सरकार बनने के साथ ही भाजपा सरकार ने गौठान बंद किया। गोबर खरीदी बंद की, गौतस्करी शुरू हो गयी। सड़कों पर गाय के लाशें मिलनी शुरू हो गयी। गाय का चारा पानी बंद हो ग्या। भाजपा कांग्रेस में यही अंतर है, भाजपा धर्म की राजनीति करती है और कांग्रेस धर्म का पालन करती है। सभी धर्मों का सम्मान करती है और राजनीति से धर्म को अलग रखती है। भाजपा भावनाओं को भड़काती है, जबकि कांग्रेस भवनाओ माँ सम्मान करती है, इसलिए कांग्रेस ने गौसेवा के लिए गौठान बनाया था। चारा को व्यवस्था की थी. गोबर खरीदी शुरू की थी। महात्मा गाँधी ने गाय की सुरक्षा के लिए गौ सत्याग्रह आंदोलन शुरू किया था। इस आंदोलन का प्रमुख उद्देश्य गाय की रक्षा, गौहत्या पर प्रबंध, गाय के कल्याण की व्यवस्था करना था। गौसेवा से ही गौरक्षा हो सकेगी। गौरक्षा के नाम पर गुंडागर्दी से गौसेवा नहीं होता है।ये हमें समझने की जरूरत है की भाजपा धर्म की राजनीति करती है धर्म का पालन नहीं करती है।