कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को हाल ही में एक बड़ी राहत मिली है. कर्नाटक उच्च न्यायालय ने उनके खिलाफ चल रही विशेष अदालत की कार्यवाही को 29 अगस्त तक स्थगित कर दिया है. ये मामला “MUDA स्कैम” से जुड़ा हुआ है, जिसमें सिद्धारमैया पर आरोप है कि उन्होंने अपनी पत्नी के लिए जमीन आवंटन में गड़बड़ी की हैं.
MUDA (मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण) स्कैम में आरोप है कि सिद्धारमैया ने 2021 में अपनी पत्नी के लिए 14 घर आवंटित किए, जिसके बदले में उनकी पत्नी ने 3.16 एकड़ जमीन MUDA को दी. ये जमीन कथित तौर से उनके साले द्वारा 2004 में अधिग्रहित की गई थी और बाद में 2010 में सिद्धारमैया की पत्नी को तोहफे में दी गई थी. इस मामले की जांच के लिए कर्नाटका के गवर्नर थावर चंद गहलोत ने 16 अगस्त को सिद्धारमैया के खिलाफ अभियोजन की अनुमति दी थी.
उच्च न्यायालय का फैसला
उच्च न्यायालय के न्यायाधीश एन नागाप्रसन्ना ने कहा कि स्पेशल अदालत को सभी कार्यवाही को तब तक स्थगित करना चाहिए जब तक उच्च न्यायालय इस मामले पर सुनवाई नहीं कर लेता. सिद्धारमैया के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने तर्क देते हुए कहा कि गवर्नर ने बिना उचित कारण के अनुमति दी और राज्य कैबिनेट की सलाह को नजरअंदाज किया. उन्होंने ये भी कहा कि गवर्नर ने बिना विचार-विमर्श के कार्यवाही की, जो कि संविधान के प्रावधानों के खिलाफ है.
सिद्धारमैया ने क्या आरोप लगाया?
सिद्धारमैया ने आरोप लगाया है कि यह कार्रवाई राजनीतिक कारणों से की जा रही है, ताकि उनकी चुनी हुई सरकार को अस्थिर किया जा सके.उन्होंने कहा कि वह कानूनी और राजनीतिक दोनों स्तरों पर अपनी लड़ाई जारी रखेंगे.इस मामले में विपक्षी दलों ने भी सिद्धारमैया पर हमले किए हैं, और केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने उनके इस्तीफे की मांग की है.
अब इस मामले की अगली सुनवाई 29 अगस्त को होगी, जब उच्च न्यायालय सिद्धारमैया की याचिका पर विचार करेगा.इस बीच, सिद्धारमैया ने कहा है कि उन्हें अपने मंत्रिमंडल और पार्टी का पूरा समर्थन प्राप्त है.