विधानसभा चुनाव को लेकर जम्मू-कश्मीर का सियासी पारा हाई है. जनता को अपने पक्ष में करने के लिए पार्टियां तमाम वादे और दावे कर रही हैं. इसी कड़ी में नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के नेता उमर अब्दुल्ला ने एक वादा किया है. उन्होंने कहा है, अगर वो सत्ता में आए तो पीएसए (सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम) हटा देंगे. उमर ने कांग्रेस के साथ गठबंधन पर भी रिएक्शन दिया है.
जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला ने पीएसए का जिक्र करते हुए उमर ने कहा, लोगों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ा है. कुछ लोग जेलों में सड़ रहे हैं. कुछ को परेशान किया जा रहा है. एनसी ने अपने घोषणापत्र में साफ कर दिया है कि सत्ता में आने पर जम्मू-कश्मीर से पीएसए को पूरी तरह हटा दिया जाएगा.
इस गठबंधन में पार्टी को वो सीटें छोड़नी पड़ीं
कार्यकर्ताओं की बैठक को संबोधित करते हुए उमर अब्दुल्ला ने कहा कि चुनाव से पहले कांग्रेस के साथ गठबंधन करना आसान नहीं था. इस गठबंधन में पार्टी को वो सीटें छोड़नी पड़ीं, जहां उसे जीतने का भरोसा था. हालांकि, फैसला इतना प्रभावशाली था कि गठबंधन को अंतिम रूप देते ही परिणाम सामने आ गया.
उमर ने कहा कि परिणाम तब सामने आया जब पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद ने चुनाव प्रचार से दूरी बना ली. उन्होंने कहा कि यह उनकी या उनके नेताओं की लड़ाई नहीं है, बल्कि यह एक सामूहिक लड़ाई है. ये लड़ाई जम्मू-कश्मीर के लोगों को राहत पहुंचाएगी.
किसकी सरकार में आया था पीएसए
पीएसए (सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम) बिना मुकदमे के गिरफ्तारी या नजरबंद करने की अनुमति देता है. जिस एक्ट को हटाने की बात उमर कर रहे हैं, उसे 1978 में नेशनल कॉन्फ्रेंस के फाउंडर शेख अब्दुल्ला की सरकार ही लाई थी. इसे जम्मू-कश्मीर में लकड़ी की तस्करी को रोकने के लिए लागू किया था.