हाल ही में कांग्रेस ने भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच और कुछ कंपनियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं. कांग्रेस का आरोप है कि माधबी पुरी की कंपनी आगोरा ने MM सेम्बकॉर्प, डॉ. रेड्डीज और अन्य तीन लिस्टेड कंपनियों से करोड़ों रुपए कमाए. इन आरोपों के चलते राजनीतिक माहौल गरमा गया है और कई सवाल खड़े हो गए हैं कि क्या इसमें कोई अनियमितता हुई है.
बता दें कि माधबी पुरी बुच भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) की पहली महिला चेयरपर्सन हैं, जिनकी नियुक्ति 2022 में हुई थी. वह इस पद पर अपने अनुभव और प्रभावशाली कार्यशैली के लिए जानी जाती हैं. SEBI में आने से पहले, वह विभिन्न क्षेत्रों में काम कर चुकी हैं, जिनमें निवेश और वित्त प्रबंधन शामिल है.
आरोप क्या हैं?
कांग्रेस के आरोपों के मुताबिक, माधबी पुरी बुच की कंपनी आगोरा ने कुछ लिस्टेड कंपनियों के साथ काम किया और इसमें से करोड़ों रुपए की आय हुई. सेम्बकॉर्प, डॉ. रेड्डीज, और तीन अन्य प्रमुख कंपनियों का नाम इन आरोपों में लिया गया है. कांग्रेस ने यह दावा किया है कि इन कंपनियों से प्राप्त धन का स्रोत और इस्तेमाल संदिग्ध हो सकता है, और इसलिए इसकी विस्तृत जांच होनी चाहिए.
सेम्बकॉर्प एक ऊर्जा और जल प्रबंधन कंपनी है, जो एशिया में विभिन्न बड़े प्रोजेक्ट्स पर काम कर रही है. डॉ. रेड्डीज भारतीय फार्मास्यूटिकल क्षेत्र की एक बड़ी कंपनी है, जो दुनियाभर में दवाओं का निर्माण और वितरण करती है. इन कंपनियों की हिस्सेदारी और वित्तीय लेन-देन पर आरोप लगाए गए हैं कि इसमें पारदर्शिता का अभाव हो सकता है.
क्या है कांग्रेस की मांग?
कांग्रेस ने इस पूरे मामले की निष्पक्ष और विस्तृत जांच की मांग की है. उनका कहना है कि आगोरा और उन लिस्टेड कंपनियों के बीच हुए वित्तीय लेन-देन की गहन जांच होनी चाहिए, ताकि किसी भी प्रकार की अनियमितता का खुलासा किया जा सके. इस मामले की गंभीरता को देखते हुए यह मांग की जा रही है कि SEBI की निष्पक्षता बनाए रखने के लिए चेयरपर्सन के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए.