गिरिराज सिंह की हिंदू स्वाभिमान यात्रा के दौरान पूर्णिया सदर से विधायक विजय खेमका और बनमनखी से कृष्ण कुमार ऋषि ने ‘जय श्री राम’ के नारे लगाए और सीधे कहा कि उन्हें मुस्लिम वोट नहीं चाहिए. उन्हें सिर्फ गिरिराज सिंह का साथ चाहिए. गिरिराज सिंह की हिंदू स्वाभिमान यात्रा से भाजपा का कोई लेना देना नहीं था. खुद गिरिराज सिंह ने कहा है कि यह उनका व्यक्तिगत कार्यक्रम हैं लेकिन गिरिराज सिंह की इस यात्रा को सफल बनाने के लिए पूरा भाजपा का पूर्णिया इकाई एक हो गया. गिरिराज सिंह की इस यात्रा में शुरू से आखिर तक दोनों विधायक, भाजपा जिलाध्यक्ष साथ रहे.
पूर्णिया सदर भाजपा का गढ़
पूर्णिया सदर विधानसभा भाजपा का गढ़ है. यहां साल 2000 से लेकर अब तक भाजपा ने अपनी सीट बरकरार रखी है. पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा उम्मीदवार विजय कुमार खेमका ने कांग्रस की प्रत्याशी इंदू सिन्हा को 32,154 वोटों के अंतर से हराया था. पूर्णिया सदर में वोटिंग ही हिंदू-मुस्लिम के आधार पर होती है. यहां लोगों को उम्मीदवारों से मतलब नहीं होता हैं.
65 फीसदी हिंदू मतदाता
पूर्णिया सदर विधानसभा की बात करें तो यहां कुल मतदाताओं की संख्या 3 लाख 29 हजार 903 हैं, जिसमें 35 फीसदी मुस्लिम और 65 फीसदी हिंदू मतदाता हैं. वहीं बनमनखी विधानसभा पर वर्तमान में कृष्ण कुमार ऋषि भाजपा कोटे से विधायक हैं. उन्होंने राजद के प्रत्याशी उपेंद्र शर्मा को 27,743 वोटों से हराया था. यहां अगर कुल मतदाता की बात करें तो 3 लाख 18 हजार 665 मतदाता है, जिनमें 14 फीसदी मुस्लिम हैं बाकी हिंदू वोटर हैं.
दोनों विधायकों का हिंदू बोटबैंक
ऐसे में दोनों ही विधायकों का वोट बैंक हिदूं वोट ही हैं, उन्हें पता है कि भाजपा को मुस्लिमों का वोट नहीं मिलता है. यही वजह हो सकती है कि दोनों विधायकों ने अपने वोट बैंक को साधने के लिए गिरिराज सिंह का साथ दिया हो. गिरिराज सिंह भी दोनों विधानसभा के हिंदुओं पर जमकर बरसे और कहा कि मुस्लिमों को भाजपा के विरोध में मतदान करने की प्रतिबद्धता थी, मगर हिंदुओं की क्या मजबूरी थी कि मुस्लिमों के हिमायती को वोट दे दिया. उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी के प्रत्याशी को हिंदुओ ने हरा दिया.
विपक्षी दलों के निशाने पर
लोकसभा चुनाव में इन दोनों विधानसभा से एनडीए प्रत्याशी संतोष कुशवाहा को वोट नहीं मिला था. दोनों ही विधानसभा में निर्दलीय प्रत्याशी पप्पू यादव ने बढ़त बना ली थी. वहीं दोनों विधायक इस कदम के बाद विपक्षी दल कांग्रेस और राजद के निशाने पर हैं. बिहार में भाजपा-जदयू का गठबंधन हैं और नीतीश कुमार की मुस्लिम वोट बैंक पर भी काफी पकड़ है. ऐसे में अब इन नेताओं के लिए जदयू के लिए वोट मांगने पर मुस्लिम वोटर भी बिदक सकते हैं और हो सकता है कि भविष्य में जदयू इन दोनों ही विधायक से परहेज करे.