छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में पिछले 72 घंटे में 7 हत्याओं का मामला सामने आने के बाद राज्य की कानून व्यवस्था पर सवाल उठने लगे हैं. पिछले तीन दिनों में दो लोगों की मौत पुलिस हिरासत में हुई है, जबकि बलौदाबाजार में कलेक्टरेट और SP कार्यालय में आगजनी से माहौल बिगड़ गया है.
राज्य में बढ़ते अपराध को लेकर कांग्रेस ने बीजेपी पर सवाल खड़े किए हैं. कांग्रेस ने राज्य के गृहमंत्री से इस्तीफा देने को कहा है. हैरानी की बात है कि इनमें से अधिकांश हत्याएं धारदार हथियारों से की गई हैं. वहीं, राज्य में चाकू की नोक पर चोरी की घटनाएं भी बढ़ रही हैं. आइए जानते हैं पिछले एक साल में छत्तीसगढ़ में हुई बड़ी घटनाओं के बारे में…
बलौदाबाजार की आगजनी: भाजपा के शासन के छह महीनों में ही लगभग 8 से 9 हजार प्रदर्शनकारियों ने कलेक्टरेट-SP संयुक्त कार्यालय में आग लगा दी और 100 से अधिक वाहनों जलाया. इस हिंसक प्रदर्शन में 25 से अधिक पुलिसकर्मी घायल हो गए.
कवर्धा: 15 सितंबर को 27 वर्षीय प्रशांत साहू की पुलिस हिरासत में मौत हुई थी. इस घटना के बाद भी बड़े पैमाने पर प्रदर्शन हुआ था. बाद में कलेक्टर, SP और 23 पुलिसकर्मियों को बर्खास्त किया गया था.
सूरजपुर: 13 अक्टूबर की रात को सूरजपुर के हेड कांस्टेबल तालिब शेख की पत्नी और बेटी को तलवार से काट डाला गया. आरोपित कुलदीप साहू ने तालिब की अनुपस्थिति में उनके घर में घुसकर हत्या की. नागरिकों ने कुलदीप का घर जलाकर कानून व्यवस्था को और बिगाड़ दिया. कुलदीप को 24 घंटे के भीतर गिरफ्तार किया गया.
बलरामपुर: 24 अक्टूबर को गुरूचंद मंडल की कोटवाली पुलिस स्टेशन के बाथरूम में मौत हो गई. उन्होंने अपनी पत्नी की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी. पुलिस ने बताया कि उसने बाथरूम में आत्महत्या की. इस घटना के बाद स्थानीय लोगों में भारी आक्रोश पैदा हुआ, जिसके कारण पुलिस स्टेशन में तोड़फोड़ की गई.