कांग्रेस नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने नोटबंदी के 8 साल पूरे होने पर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि 8 साल पहले जब नोटबंदी लागू की गई थी, तब की तुलना में भारत आज भी अधिक नकदी का उपयोग कर रहा है. नोटबंदी ने MSME और इनफॉर्मल सेक्टर को तबाह करके एकाधिकार का मार्ग प्रशस्त किया है.
राहुल गांधी ने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट करते हुए आगे कहा कि व्यवसायों के लिए भय का माहौल बनाने वाली अक्षम और गलत इरादे वाली नीतियां भारत की आर्थिक क्षमता को अवरुद्ध कर देंगी. एक नए डील की जरूरत है जो देश भर में प्ले-फेयर व्यवसायों की ऊर्जा को अनलॉक करने के लिए निष्पक्षता और स्वतंत्रता को बढ़ावा दे. राहुल ने अपने पोस्ट में एक ग्राफ भी शेयर किया है. जिसमें नोटबंदी के पहले और बाद बाजार में कितना नकदी है उसे बता रहा है.
अखिलेश यादव ने भी केंद्र पर बोला हमला
नेता प्रतिपक्ष से पहले यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने भी नोटबंदी को लेकर बीजेपी पर निशाना साधा. पूर्व सीएम ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था के इतिहास में इसके नाम पर एक पूरा अध्याय सिर्फ काले रंग से ही छापा जाएगा. आज नोटबंदी की 8वीं सालगिरह के ठीक एक दिन पहले ही, कल रुपया डॉलर के मुकाबले सबसे कमजोर स्थिति में आ गया. जनता पूछ रही है क्या ये नोटबंदी की नाकामयाबी की वजह से हुआ या भाजपा की नकारात्मक नीतियों की वजह से.
‘रुपया कहे आज का, नहीं चाहिए भाजपा’
उन्होंने आगे कहा कि अब क्या बीजेपी के लोग फिर ये कहेंगे कि देश के इतिहास में रुपया डॉलर के मुकाबले सबसे निचले स्तर पर पहुंचकर रिकॉर्डतोड़ नहीं गिरा है बल्कि डॉलर ऊपर उठा है. बीजेपी ने देश की अर्थव्यवस्था को अनर्थव्यवस्था बना दिया है. रुपया कहे आज का, नहीं चाहिए भाजपा.
देश में कब लागू हुई थी नोटबंदी?
दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 नवंबर को 2016 को रात 8 बजे देश को संबोधित करते हुए 500 रुपए और 1000 रुपए के नोट बंद करने का ऐलान किया था. पीएम के इस ऐलान के बाद उसी दिन आधी रात से देश में नोटबंदी लागू हो गई थी. नोटबंदी के अमल में आने के बाद एटीएम और बैंकों के बाहर कई दिनों तक लंबी कतार देखने को मिली थी. बात में आरबीआई की ओर से 500 और 2000 के नए नोट जारी किए गए. सरकार की ओर से कहा कि देश में मौजूद काले धन और नकली मुद्रा को समस्या को खत्म करने के लिए यह कदम उठाया गया है.