कल सियासत में भी मोहब्बत थी
अब मोहब्बत में भी सियासत है
उर्दू शायर ख़्वाजा साजिद की कलम से निकला ये शेर न जाने कितने लोगों के अनुभवों की रहनुमाई करता है लेकिन इसके साथ ही दुनिया की मौजूदा सियासत और मोहब्बत की भी बयानी करता है. लेकिन आज जब राहुल गांधी वायनाड में प्रचार करते वक्त मोहब्बत की बात किए, तो ये शेर याद आ गया. लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी, केरल (Kerala) के वायनाड पहुंचे हैं. वे यहां पर प्रियंका गांधी के लिए प्रचार कर रहे हैं, जो वायनाड लोकसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव में अपनी किस्मत आजमा रही हैं. राहुल गांधी ने कहा, “जब मैं पहली बार भारत जोड़ो यात्रा पर गया था, तो मुझे थोड़ी हैरानी हुई, क्योंकि यह एक राजनीतिक यात्रा थी. यात्रा का उद्देश्य राजनीतिक था, लेकिन यात्रा की शुरुआत में ही मैंने देखा कि मैं लोगों को गले लगा रहा था और लोग मुझे चूम रहे थे. मैं कह रहा था, मैं तुमसे प्यार करता हूं, वे कह रहे थे, हम तुमसे प्यार करते हैं.”
उन्होंने आगे कहा कि आज विमान में सवार होने के दौरान मुझे एहसास हुआ कि कई साल से मैंने सियासत में ‘प्यार’ शब्द का इस्तेमाल नहीं किया है.
“सियासत में ‘प्यार’ शब्द”
राहुल गांधी ने आगे कहा, “वायनाड आने के बाद मैंने अचानक सियासत में ‘प्यार’ शब्द का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया. मुझे एहसास हुआ कि वायनाड के लोगों ने मुझे इतना प्यार और स्नेह दिया कि मेरी पूरी राजनीति ही बदल गई. वायनाड के लोगों ने मुझे सिखाया कि राजनीति में इस शब्द का बहुत महत्वपूर्ण स्थान है, इसलिए मैं यह टी-शर्ट पहन रहा हूं.”
राहुल ने कहा, “प्रियंका गांधी सांसद पद की उम्मीदवार हैं, वह मेरी छोटी बहन भी हैं, इसलिए मुझे वायनाड के लोगों से उनकी शिकायत करने का अधिकार है. वायनाड मेरे दिल में राजनीति से परे एक बहुत बड़ी जगह रखता है. मैं यहां हर किसी की मदद करने के लिए हमेशा मौजूद हूं. अगर मैं इसकी खूबसूरती दुनिया को दिखा सकता हूं तो मैं खुशी-खुशी ऐसा करूंगा.”
उन्होंने आगे कहा कि मैं अपनी बहन को भी चुनौती देना चाहूंगा कि वह वायनाड को सबसे बेहतरीन पर्यटन स्थल बनाए. जब लोग केरल के बारे में सोचते हैं, तो सबसे पहले वायनाड को ही देखना चाहिए. इससे वायनाड के लोगों और इसकी अर्थव्यवस्था को फायदा होगा और दुनिया को इसकी खूबसूरती का पता चलेगा.
राहुल गांधी ने कहा कि वायनाड आना हमेशा खुशी की बात होती है. मेरी बहन का भाषण स्नेहपूर्ण था, कोई आम राजनीतिक अभियान नहीं. मैं यहां एक प्रचारक के तौर पर आया हूं, उम्मीदवार के तौर पर नहीं. जब भी मैं यहां आता हूं, मुझे वाकई खुशी महसूस होती है.