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शराब घोटाला: कारोबारी अरविंद सिंह ने कहा- पीट रहे अधिकारी, कागजों पर जबरदस्ती हस्ताक्षर करवाए, तंग आकर मांगी इच्छा मृत्यु

छत्तीसगढ़ के शराब घोटाला केस में कारोबारी अरविंद सिंह ने अधिकारियों पर मारपीट का आरोप लगाया है. उनके वकील के मुताबिक 17 अप्रैल की रात 5 अफसरों ने अरविंद सिंह से मारपीट की. उससे जबरदस्ती कागजों पर हस्ताक्षर करवाए गए. गुरुवार को सुनवाई के दौरान कारोबारी ने कहा कि, वो तंग आ चुका है इसलिए उसने इच्छा मृत्यु मांगी है.

स्पेशल कोर्ट ने कारोबारी अनवर ढेबर और अरविंद सिंह को 14 दिन की ज्यूडिशियल रिमांड पर 2 मई तक जेल भेज दिया है. वहीं, आबकारी विभाग के पूर्व अधिकारी और अरुणपति त्रिपाठी को 25 अप्रैल तक EOW की रिमांड पर रखा गया है. EOW ने कोर्ट से अनवर और अरविंद को अलग-अलग जेल में रखने की मांग की है.

कोर्ट ने मारपीट के आवेदन पर कहा कि, मेडिकल रिपोर्ट और फिजिकल रूप से देखने पर मारपीट की पुष्टि नहीं हो रही है. जहां तक दबाव देकर सिग्नेचर कराने की बात है. इस मामले में अरविंद सिंह मुकदमे के दौरान बचाव पक्ष लेने के लिए स्वतंत्र है. इच्छा मृत्यु की मांग पर कोर्ट ने अपने वकील से प्रॉपर तरीके से आवेदन देने को कहा है. जिस पर अलग से सुनवाई की जाएगी.

सुनवाई के दौरान EOW के वकील ने अरुणपति त्रिपाठी की रिमांड मांगते हुए कहा कि, शराब घोटाला मामले में जांच के दौरान एपी त्रिपाठी, उनकी पत्नी और परिवार के लोगों के विदेश में बैक अकाउंट होने की जानकारी मिली है. जिसकी जांच करनी है.

वकील ने कोर्ट में बताया कि त्रिपाठी ने छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कॉर्पोरेशन लिमिटेड के एमडी रहते हुए शराब की सेलिंग करने वाले ट्रैकिंग सिस्टम को कमजोर कर उसका फायदा उठाने के लिए बहुत से लेटर NIC (National Informatics Centre) को भेजे.

रायपुर की स्पेशल कोर्ट में अनवर ढेबर के वकील ने EOW की FIR और गिरफ्तारी को कानून के खिलाफ बताया था. वकील ने कोर्ट में कहा कि, 4 अप्रैल को EOW की टीम ने बिना किसी कारण और नोटिस दिए गिरफ्तार कर लिया था. वहीं, 8 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने शराब घोटाला केस को खारिज कर दिया. ऐसे में यह गिरफ्तारी गलत है.

अनवर ढेबर के आवदेन पर EOW के वकील ने अपने तर्क में कहा कि, सुप्रीम कोर्ट का मामला और EOW का FIR दोनों प्रकरण है. कोर्ट ने दोनों पक्षों के तर्को को सुना और केस डायरी का अवलोकन किया. फिर कहा कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश और EOW की FIR दोनों अलग प्रकरण है.

एसीबी और EOW ने कोर्ट में आवेदन कर मांग की है कि अनवर ढेबर और अरविंद सिंह को रायपुर की सेंट्रल जेल से बाहर अलग-अलग जेल में रखा जाए. इसे लेकर कोर्ट ने दोनों आरोपियों के वकील से भी जवाब मांगा है. मामले में अगली सुनवाई 25 अप्रैल को हो सकती है.

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