ब्रिटेन के पीएम ऋषि सुनक ने एक और कड़ा कानून पेश किया है. ब्रिटेन में रहने वाले NRI (अनिवासी भारतीयों) को भारत में बैंक एफडी, स्टॉक मार्केट और रेंट से मिलने वाली आय पर मिलने वाली टैक्स छूट को 15 साल से घटाकर 4 साल कर दिया है. ब्रिटेन में रहने के पांचवें साल से NRI को भारत में होने वाली आय पर 50% टैक्स देना पड़ेगा.
अब तक NRI को 15 साल तक केवल ब्रिटेन में प्राप्त होने वाली आय पर टैक्स देना पड़ता था. नया कानून अगले साल अप्रैल से प्रभावी हो जाएगा. लंदन के टैक्स कंसल्टेंट सौरभ जेटली ने बताया कि नए नियम के बाद ब्रिटेन में रहने वाले पांच लाख NRI में से लगभग 50 हजार ने दुबई शिफ्ट होने का प्लान बनाया है.
दुबई में पर्सनल टैक्स रेट जीरो है और कॉर्पोरेट टैक्स मात्र 9% है. लंदन में एस्टेट टैक्स भी 40% है जबकि दुबई में NRI पर शून्य एस्टेट टैक्स है. जेटली के मुताबिक सुनक के नए कानून के बाद NRI का ब्रिटेन में व्यापार करने को लेकर मोहभंग हो रहा है.
पिछले पांच साल में 83 हजार 468 भारतीयों ने भारत की नागरिकता को छोड़कर ब्रिटेन की सिटिजनशिप ली है. यूरोप के किसी भी देश में ये सर्वाधिक है. इससे पहले 2022 तक गोल्डन वीसा स्कीम के तहत 254 भारतीय धनकुबेरों ने ब्रिटेन की नागरिकता ली थी.