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कांग्रेस ने नीलेश कुंभानी को 6 साल के लिए निकाला, सूरत सीट से नामांकन रद्द होने के बाद एक्शन

सूरत लोकसभा सीट से कांग्रेस उम्मीदवार नीलेश कुंभानी को पार्टी से निलंबित कर दिया गया है. कांग्रेस ने नीलेश कुम्भानी को 6 साल के लिए निलंबित कर दिया है. लोकसभा चुनाव के लिए उनका नामांकन रद्द होने के बाद कांग्रेस ने यह कार्रवाई की है. अनुशासन समिति की बैठक में नीलेश कुम्भानी को निलंबित करने का फैसला लिया गया है.

उल्लेखनीय है कि सूरत में कांग्रेस उम्मीदवार नीलेश कुंभानी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन बढ़ रहा है, जिनका नामांकन रद्द होने के बाद AAP कार्यकर्ताओं ने उन्हें वॉन्टेड’ घोषित कर दिया है।

कुंभानी फिलहाल लापता हैं और जालसाजी और धोखाधड़ी के आरोपों का सामना कर रहे हैं. हालांकि पुलिस ने FIR दर्ज करने से इनकार कर दिया है. बता दें कि फॉर्म रद्द होने के बाद नीलेश कुंभानी अंडरग्राउंड हो गए हैं और उनके BJP में शामिल होने की चर्चाएं हैं. एक ओर जहां कुंभानी के BJP में शामिल होने की चर्चाएं चल रही है. वहीं दूसरी ओर राजकोट सांसद मोहन कुंडरिया ने कांग्रेस के नीलेश कुंभानी के बीजेपी में शामिल होने की संभावना को सिरे से खारिज कर दिया है और कहा है कि नीलेश कुंभानी बीजेपी में शामिल नहीं होंगे. नीलेश कुंभानी कांग्रेस में हैं और कांग्रेस में ही रहेंगे.

कुंभानी का फॉर्म रविवार को रद्द कर दिया गया जब उनके तीन समर्थकों ने एक हलफनामा दायर किया. जिसमें कहा गया कि उन्होंने नामांकन फॉर्म पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं. इसके बाद कुंभानी भूमिगत हो गए और अपने परिवार या पार्टी सदस्यों से भी संपर्क में नहीं हैं. उनके परिवार के सदस्य बुधवार को घर लौटे और मीडिया कर्मियों को बताया कि कुंभानी उनके संपर्क में नहीं हैं. परिवार के सदस्यों ने दावा किया कि वे पार्टी नेताओं के साथ इस मुद्दे पर चर्चा करने के लिए अहमदाबाद गए थे.

शहर के कांग्रेस नेतृत्व ने दावा किया कि कुंभानी उनके संपर्क में नहीं थे और उन्होंने अपने इरादों के बारे में कोई संदेश नहीं भेजा था. पार्टी ने पहले कुंभानी के खिलाफ गुजरात उच्च न्यायालय में याचिका दायर करने की योजना बनाई थी, लेकिन योजना सफल नहीं हो पाई क्योंकि वह अंडरग्राउंड थीं. इससे पहले बीजेपी में शामिल होने की चर्चाओं के बीच जब नीलेश कुंभानी से संपर्क करने की कोशिश की गई तो उनके घर पर ताला लगा हुआ था.

इस संबंध में नीलेश कुंभानी की पत्नी ने कहा कि मेरे पति के साथ राजनीति की गयी है. मेरे पति ने समाज की सेवा की है. सारा दोष मेरे पति पर मढ़ दिया गया. मेरे पति चार दिन से घर नहीं आये हैं. वह घर से हाईकोर्ट जाने की कहकर निकला था.

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