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ओला कैब्स के CEO हेमंत बख्शी ने दिया इस्तीफा, 10 फीसदी कर्मचारियों की जाएगी नौकरी

ओला कैब्स के CEO हेमंत बख्शी ने ज्वाइनिंग के चार महीने बाद ही अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. अब खबर ये आ रही है कि कंपनी रिस्ट्रक्चरिंग पर भी विचार कर रही है, जिसमें 10 प्रतिशत से अधिक कर्मचारियों की छंटनी की संभावना है. रिपोर्ट के मुताबिक, बख्शी का इस्तीफा तत्काल प्रभाव से आया है. वह जनवरी में कंपनी में शामिल हुए थे.

Ola Cabs के CEO हेमंत बख्शी ने ज्वाइनिंग के चार महीने बाद ही अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. अब खबर ये आ रही है कि कंपनी रिस्ट्रक्चरिंग पर भी विचार कर रही है, जिसमें 10 प्रतिशत से अधिक कर्मचारियों की छंटनी की संभावना है. रिपोर्ट के मुताबिक, बख्शी का इस्तीफा तत्काल प्रभाव से आया है. वह जनवरी में कंपनी में शामिल हुए थे.

रिपोर्ट ये भी बता रही है कि कंपनी ने छंटनी की लिस्ट तैयार करनी शुरू कर दी है. जैसा कि कंपनी अगले तीन महीनों के भीतर ड्राफ्ट लिस्टिंग दस्तावेज़ जमा करने के लिए तैयार है, यह विकास दिसंबर में सेबी के साथ प्रारंभिक सार्वजनिक पेशकश (IPO) के लिए ओला इलेक्ट्रिक के ड्राफ्ट पेपर दाखिल करने से जुड़ा है. कंपनी फिलहाल नियामक से मंजूरी का इंतजार कर रही है.

दिसंबर में फर्म की सहयोगी कंपनी ओला इलेक्ट्रिक ने बाजार नियामक सेबी को अपना ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस जमा किया था, जिसका लक्ष्य IPO के माध्यम से लगभग 7,250 करोड़ रुपए जुटाने से जुड़ा था. यह किसी भारतीय इलेक्ट्रिक वाहन (EV) कंपनी का पहला आईपीओ होगा. बख्शी ने जनवरी में कहा था कि राइड-हेलिंग बिजनेस की मूल कंपनी एएनआई टेक्नोलॉजीज ने 31 मार्च, 2023 को समाप्त होने वाले वित्तीय वर्ष के लिए ब्याज, टैक्स, डिप्रेसिएशन और (EBITDA) से पहले कमाई के आधार पर प हासिल की है.

2010 में स्थापित ओला कैब्स को जल्द ही सॉफ्टबैंक और टाइगर ग्लोबल जैसे प्रमुख निवेशकों से समर्थन प्राप्त हुआ. आंतरिक रूप से, कंपनी हाल ही में नए सीईओ के रूप में हेमंत बख्शी की नियुक्ति के साथ-साथ रिस्ट्रक्चरिंग के प्रयासों में लगी हुई थी. तभी अचानक से सीईओ ने ही इस्तीफा दे दिया. सरकार के आदेश और भारतीय बाजार की ओर ईवी को लेकर जारी डिमांड को पूरा करने की रेस में ओला कैब्स उन चुनिंदा देशों की कंपनियों में शामिल हो गया है, जो ईवी में क्रांति लाने के लिए बड़े स्तर पर काम कर रहे हैं.

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