गूगल के कर्मचारी पिछले काफी समय से लगातार मुसीबत में फंसे हुए हैं. उन पर लगातार छंटनी की तलवार लटक रही है. एक के बाद एक कई सारे डिपार्टमेंट से लोगों को कॉस्ट कटिंग जैसे कई कारणों का हवाला देकर निकाला जा रहा है. अब विभिन्न मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि सुंदर पिचई (Sundar Pichai) के नेतृत्व वाली अल्फाबेट (Alphabet) ने पूरी पायथन टीम (Python Team) को नौकरी से निकाल दिया है. इसके पीछे का कारण सस्ता लेबर बताया जा रहा है.
फ्री प्रेस जर्नल की रिपोर्ट के अनुसार, गूगल ने अपनी पायथन टीम को सिर्फ इसलिए नौकरी से निकाल दिया है क्योंकि उनकी वेतन ज्यादा थी. इसके बजाय वह अब अमेरिका के बाहर सस्ते कर्मचारियों के साथ इस टीम को बनाएंगे. ऐसा माना जा रहा कि नई टीम जर्मनी के म्यूनिख में बनाई जाएगी. वहां उन्हें कम वेतन पर कर्मचारी मिल जाएंगे.
गूगल पायथन टीम के एक पूर्व मेंबर ने लिखा कि वह दो दशक तक गूगल में काम करते रहे. यह उनकी बेस्ट नौकरी थी. अब छंटनी के चलते वह बहुत निराश हैं. एक अन्य कर्मचारी ने लिखा कि हमारे मैनेजर समेत पूरी टीम को नौकरी से निकाले जाने का उन्हें बहुत अफसोस है. अब हमारी जगह विदेश में बैठी किसी टीम से काम करवाया जाएगा. यह पूंजीवाद का नकारात्मक प्रभाव है. यह छोटी सी टीम गूगल का पायथन से जुड़ा अधिकतर काम देखा करती थी. इसके बावजूद सस्ते लेबर के चलते उनकी छुट्टी कर दी गई है.
बिजनेस इनसाइडर की एक रिपोर्ट के अनुसार, गूगल ने रियल एस्टेट और फाइनेंस डिपार्टमेंट में भी छंटनी की है. गूगल के फाइनेंस चीफ रूथ पोराट ने एक ईमेल के जरिए कर्मचारियों को सूचना दी कि कंपनी रीस्ट्रक्चरिंग कर रही है. हम बेंगलुरु, मेक्सिको सिटी और डबलिन में ग्रोथ पर फोकस करना चाहते हैं. इससे पहले गूगल ने इंजीनियरिंग, हार्डवेयर और असिस्टेंट टीम्स से हजारों कर्मचारी निकाले थे. कंपनी ने यह छंटनी आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस टेक्नोलॉजी पर निवेश बढ़ाने के लिए की थी.