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Ooty और Kodaikanal घूमने के लिए लेना होगा E-Pass, हाईकोर्ट ने दिया आदेश

चेन्नई हाईकोर्ट ने नीलगिरी और डिंडीगुल के जिला कलेक्टरों को 7 मई से ऊटी और कोडईकनाल जाने वाले पर्यटकों को ई-पास जारी करने की प्रक्रिया लागू करने का आदेश दिया है.

न्यायमूर्ति सतीश कुमार और भरत चक्रवर्ती की पीठ में पर्यावरण संरक्षण से संबंधित मामले पर सोमवार को सुनवाई की. इस दौरान नीलगिरी और डिंडीगुल जिला कलेक्टर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उपस्थित थे.

सरकार की ओर से बताया गया है कि आईआईटी चेन्नई और आईआईएम बेंगलुरु अध्ययन करने जा रहे हैं कि कितने वाहन ऊटी और कोडईकनाल जा सकते हैं. सरकार की ओर से दाखिल रिपोर्ट में बताया गया कि ऊटी में हर दिन 1300 वैन समेत 20 हजार गाड़ियां आती हैं.

जजों ने कहा कि अगर इतने सारे वाहन गुजरेंगे तो स्थिति खराब हो जाएगी, स्थानीय लोग आवाजाही नहीं कर पाएंगे और पर्यावरण और जानवर प्रभावित होंगे. आईआईटी चेन्नई और आईआईएम बेंगलुरु की जांच और रिपोर्ट आने तक अंतरिम कार्रवाई की जानी चाहिए.

इस मामले में न्यायाधीशों ने नीलगिरी और डिंडीगुल जिला कलेक्टरों को कोरोना काल के दौरान अपनाई गई ई-पास प्रक्रिया को 7 मई से 30 जून तक ऊटी और कोडईकनाल में लागू करने का आदेश दिया.

इस ई-पास को जारी करने से पहले जिला कलेक्टरों को कई तरह की जानकारी लेनी होगी. किस तरह का वाहन है, कितने लोग आ रहे हैं, एक दिन के दौरे पर जा रहे हैं या लंबे समय तक रुक रहे हैं, जैसी जानकारी हासिल करने का आदेश दिया गया है.

न्यायाधीशों ने कहा कि ऊटी और कोडईकनाल क्षेत्रों में केवल ई-पास वाले वाहनों को अनुमति दी जानी चाहिए और सलाह दी कि स्थानीय लोगों को छूट दी जानी चाहिए.

ई-पास प्रक्रिया का भारतव्यापी प्रचार-प्रसार किया जाए. न्यायाधीशों ने आदेश दिया कि तमिलनाडु सरकार ई-पास प्रदान करने के लिए आवश्यक सूचना प्रौद्योगिकी सहायता प्रदान करे, ऊटी में पीने के पानी की समस्या को हल करने का भी निर्देश दिया और सुनवाई 5 जुलाई तक के लिए स्थगित कर दी.

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