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फाइटर जेट की नाक मिसाइल की तरह क्‍यों होती है नुकीली? पैसेंजर प्‍लेन बिल्‍कुल ही अलग, खास है इसकी वजह

नई दिल्‍ली: देश की सीमा की सुरक्षा में फाइटर जेट यानी लड़ाकू विमान की भूमिका काफी अहम होती है। हवाई सुरक्षा के लिए लड़ाकू विमान का अपना अलग ही महत्‍व है। मॉर्डन वॉरफेयर में एयरफोर्स और नेवी की भूमिका आर्मी से कहीं ज्‍यादा हो चुकी है। दुनियाभर में उस देश की वायुसेना को सबसे ज्‍यादा सशक्‍त और मजबूत माना जाता है, जिसके पास उन्‍नत और अत्‍याधुनिक फाइटर जेट हो। इस मामले में अमेरिका, चीन, ब्रिटेन, फ्रांस, भारत जैसे देश प्रमुख हैं। फाइटर जेट की बनावट आम विमानों से काफी हद तक अलग होता है। यदि आपने गौर किया हो तो फाइटर जेट का अगला हिस्‍सा काफी नुकीला होता है। लड़ाकू विमानों का अगला पार्ट इतना नुकीला होता है मानो मिसाइल का ऊपरी हिस्‍सा हो। दूसरी तरफ, पैसेंजर या कमर्शियल विमानों के अगले हिस्‍से की बनावट अलग होती है. सवाल यह है कि ऐसा क्‍यों होता है?

लड़ाकू विमानों का अगला हिस्‍सा आम विमानों की तुलना में काफी नुकीली होती है। दरअसल, ऐसा विमान की गति को लेकर किया जाता है. फाइटर जेट के अगले हिस्‍से की बनावट डिजाइन के हिस्‍से के तौर पर शार्प या नुकीली बनाई जाती है। इससे विमान की गति प्रभावित होती है। शार्प फ्रंट पार्ट के कारण विमान की गति में सुधार आती है और इस वजह से फाइटर जेट कमर्शियल विमानों की तुलना में तेज गति से उड़ान भरने में सक्षम होते हैं। सुई की नोक वाला हिस्‍सा होने की वजह से फाइटर जेट की वायुगतिकी (एयरोडायनमिक्‍स) में सुधार आता है। इससे विमान को अपेक्षाकृत उच्‍च गति से उड़ान भरने में काफी मदद मिलती है। बता दें कि कमर्शियल विमानों की रफ्तार फाइटर जेट की तुलना में कम होती है।

क्‍या है एयरोडायनमिक्‍स?
एयरोडायनमिक्‍स की वजह से कोई भी वस्‍तु हवा में मूव करता है. एयरोडायनमिक्‍स बेहतर होने के कारण ही फाइटर जेट सामान्‍य विमानों की तुलना में तेज गति से दूरी तय करता है। हाइपरसोनिक और सुपरसोनिक जेट (ध्‍वनि की गति से भी तेज) का एयरोडायनमिक्‍स काफी बेहतर होता है। यही वजह है कि इसकी रफ्तार काफी तेज होती है और यह लक्ष्‍य तक तेजी से पहुंचता है। एयरोडायनमिक्‍स के विश्‍लेषण से ही यह पता चलता है कि कोई भी विमान हवा में कैसे चलता या उड़ता है। लड़ाकू विमानों की नाक इसलिए नुकीली बनाई जाती है, ताकि वह हवा की सघन मौजूदगी में भी उसे तेजी से अलग करते हुए आगे बढ़ सके।

फाइटर जेट बनाम कमर्शियल प्‍लेन
फाइटर जेट कई मामलों में कमर्शियल प्‍लेन से अलग होता है. फाइटर जेट में मिसाइल फिट करने की व्‍यवस्‍था होती है, ताकि लक्ष्‍य को टारगेट कर उसे नष्‍ट या ध्‍वस्‍त किया जा सके। इसके अलावा फाइटर जेट में बैठने वाले लोगों की संख्‍या काफी कम होती है। लड़ाकू विमान की रफ्तार हाइपरसोनिक से सुपरसोनिक तक होती है। मतलब यह कि फाइटर जेट ध्‍वनि की गति से भी तेज रफ्तार से उड़ने में सक्षम है। दूसरी तरफ, कमर्शियल विमान का अगल हिस्‍सा उतना शार्प नहीं होता है. ऐसे विमानों का अगला हिस्‍सा तकरीबन गोलाई के आकार का होता है। साथ ही इसमें बड़ी तादाद में लोग बैठकर यात्रा कर सकते हैं।

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