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बाइनेंस के फाउंडर चांगपेंग झाओ को 4 महीने की जेल, एंटी-मनी लॉन्ड्रिंग कानूनों के उल्लंघन पर हुई सजा, ₹36,000 करोड़ से अधिक का लगा जुर्माना

दुनिया के सबसे अमीर क्रिप्टो एक्सचेंज Binance के फाउंडर Changpeng Zhao को 4 महीने की जेल की सजा सुनाई गई है. उन पर आरोप है कि उन्होंने साइबर क्रिमिनल्स और टेरर ग्रुप्स को अपने एक्सचेंज पर ट्रेड करने से नहीं रोका. काले सूट और नीली टाई पहने 47 साल के अरबपति Changpeng Zhao कोर्ट में पहुंचे, जो करीब आधे दर्ज वकीलों से घिरे हुए थे. झाओ की मां और बहन ने कोर्टरूम में बैठकर ही सुनवाई देखी.

Binance दुनिया का सबसे बड़ा क्रिप्टो एक्सचेंज है. इस एक्सचेंज के पास सबसे ज्यादा 65 बिलियन डॉलर के क्रिप्टो असेट हैं. इसके फाउंडर Changpeng Zhao एक क्रिप्टो प्रेमी CZ के नाम से भी जानते हैं. CZ मल्टी-बिलियन डॉलर की संपत्ति के मालिक हैं. Forbes के मुताबिक, Zhao की नेटवर्थ 3300 करोड़ डॉलर यानी करीब 2.75 लाख करोड़ रुपये है.

यूएस डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस के मुताबिक, दुनिया का सबसे बड़ा क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज Binance.com चलाने वाली एंटिटी Binance Holdings Limited ने ये माना है कि वो मनी लॉन्डरिंग, बिना लाइसेंस के मनी ट्रांसमिशन और नियमों के उल्लंघन में शामिल था. इतना नहीं, यूएस कॉरपोरेट हिस्ट्री में किसी भी अधिकारी पर लगने वाले ये अब तक के सबसे बड़ी क्रिमिनल पेनाल्टी है.

बाइनेंस पर एक बहुत बड़ा आरोप “Terror Financing” को नजरअंदाज करने का भी है. आरोप है कि फिलीस्तीनी मिलिटेंट ग्रुप हमास से जुड़े कुछ संदिग्ध लेनदेन थे, जिसे बाइनेंस ने रिपोर्ट नहीं किया. ये भी कहा गया है कि बाइनेंस के पास कुछ क्रिप्टो वॉलेट्स, जो ऐसे बिटकॉइन वॉलेट्स से इंटरैक्ट कर रहे थे. ये ऐसे ग्रुप्स से लिंक्ड हैं, जिन्हें यूएस और कुछ दूसरे देशों की ओर से आतंकी संगठन घोषित किया गया है. इसमें इस्लामिक स्टेट, हमास, अल-कायदा और पैलेस्टाइन इस्लामिक जिहाद का नाम शामिल है.

आरोप है कि बाइनेंस ने बिना KYC चेक के बिलियन डॉलर्स के क्रिप्टो ट्रांजैक्शन किए हैं. Hyrdra नाम से जाने वाले रशियन डार्कनेट मार्केटप्लेस के साथ बाइनेंस वॉलेट्स के ट्रांजैक्शन हुए हैं. बाइनेंस के अपने कंप्लाएंस ऑफिसर की ओर से ये कहा गया कि एक्सचेंज के एंटी मनी लॉन्ड्रिंग के जो कंट्रोल्स हैं, वो काफी नहीं हैं और क्रिमिनल्स को प्लेटफॉर्म पर जगह दे सकते हैं. FTX स्कैम से भी बाइनेंस के नाम जोड़ा जा रहा था. आरोप लगाए जा रहे थे कि इस स्कैम की पोल खोलने के लिए बाइनेंस ने ही कुछ जानकारियां लीक की थीं.

बाइनेंस की ओर से एक स्टेटमेंट में कहा गया था कि एक स्टार्टअप के तौर पर शुरू हुई यह कंपनी बहुत तेजी से बढ़ी है. कंपनी की ग्रोथ जितनी तेज रही, वह खुद को उतनी तेजी से कंप्लाएंट नहीं बना पाई और तेजी से बढ़ते सेक्टर में हमने कुछ गलत फैसले भी लिए और हम इस पुराने चैप्टर की जिम्मेदारी लेते हैं.

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