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Raipur: संतान की आस में IVF सेंटर आई महिला को मिली मौत, स्‍वजनों ने डाक्‍टरों पर लगाया लापरवाही का आरोप, हंगामा

रायपुर। छत्‍तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में दर्दनाक मामला सामने आया, जहां संतान की आस में आइवीएफ सेंटर (IVF Center) पहुंची एक महिला की संदिग्‍ध परिस्थिति में मौत हो गई। महिला की मौत के बाद स्‍वजनों ने आइवीएफ सेंटर के डाक्‍टरों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया। इतना ही नहीं स्‍वजनों ने आइवीएफ सेंटर के स्‍टाफ ये भी आरोप लगाया कि महिला की मौत के बाद उसे जिंदा बताकर इधर-उधर घुमाते रहे। यह पूरा मामला पंडरी थाना क्षेत्र का है।

संतान सुख के लिए आइवीएफ प्रोसीजर कराने आयी थी महिला

दरअसल, यह पूरी घटना रायपुर के इंदिरा आइवीएफ सेंटर की है। जानकारी के अनुसार यहां राजनांदगांव के लखोली निवासी मनोज साहू की पत्नी नीलम साहू स्‍वाभाविक तरीके से मां नहीं बन पा रही थी। इसीलिए मनोज अपनी पत्‍नी नीलम का इंदिरा आइवीएफ सेंटर में आइवीएफ प्रोसीजर कराने आया था। यहां नीलम पिछले कुछ दिनों से आइवीएफ सेंटर की डाक्‍टर रश्मि दिलीप से सलाह ले रही थी। डाक्‍टर रश्मि ने शुक्रवार को नीलम को आइवीएफ प्रोसीजर के लिए बुलाया था।

आइवीएफ प्रोसीजर से पहले ठीक थी नीलम

नीलम के स्‍वजनों ने बताया कि आइवीएफ प्रोसीजर के लिए जाने से पहले नीलम पूरी तरह से ठीक थी। सर्जरी के लिए जाने से पहले नीलम की पति और उसके घरवालों से बात भी हुई और एक सेल्‍फी खिंचवाई। लेकिन कुछ देर बाद डाक्‍टरों ने इमरजेंसी की बात बताई और नीलम को ममता अस्‍पताल ले जाने की बात कही। इस दौरान घरवाले कुछ समझ नहीं पाए और जैसे आइवीएफ सेंटर वालों ने कहा, वे करने लगे। लेकिन थोड़ी देर बाद जब ममता अस्‍पताल जाकर पता चला कि नीलम की मौत हो गई।

घटना के बारे में इंदिरा आइवीएफ का बयान

इस मामले में इंदिरा आइवीएफ के प्रवक्ता का कहना है कि,मनक चिकित्सा प्रक्रिया के अनुसार नीलम साहू की इलाज के लिए एक जटिल सर्जरी अनिवार्य थी। उन्हें तथा उनके परिवार को इस संबंध में सारी जानकारी दी गई थी। प्रक्रिया के बारे में विधिवत परामर्श के बाद लिखित सहमति प्राप्त की गई और सर्जरी के लिए आगे बढ़ने से पहले संपूर्ण प्रीआपरेटिव जांच की गई।

सर्जरी के दौरान मरीज के रक्तचाप में अचानक गिरावट हुई, जिसके बाद डाक्‍टर ने तत्काल उचित प्रक्रियाएं शुरू की। ममता अस्पताल की कार्डियक टीम को भी बुलाया गया। उनके डाक्टरों ने मरीज के रिश्तेदार से बातचीत के बाद मरीज को स्थानांतरित करने का निर्णय लिया। ममता अस्पताल में मरीज को स्थानांतरित करने की प्रक्रिया को दोनों अस्पतालों के डाक्टरों की टीम द्वारा उनकी उपस्थिति में शुरू किया गया। अस्पताल से स्थानांतरित करते समय, मरीज की नब्ज में उतार-चढ़ाव हो रहा था, लेकिन नब्ज चल रही थी और नियंत्रण में थी।

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