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जूनागढ़: क्षत्रिय अस्मिता महासम्मेलन में समाज के लोगों भाजपा को वोट ना देने की खाई कसम

राजकोट लोकसभा सीट से बीजेपी प्रत्याशी परसोतम रूपाला के राजा महाराजाओं वाले बयान पर क्षत्रिय समाज में गुस्सा अभी शांत नहीं हुआ है. जूनागढ़ जिला क्षत्रिय महासम्मेलन जूनागढ़ गोल्डन फार्म पार्टी प्लॉट में आयोजित किया गया था. जिसमें जूनागढ़ शहर एवं जिले के समस्त राजपूत क्षत्रिय समाज के विभिन्न संगठन बड़ी संख्या में उपस्थित थे. राजकोट लोकसभा सीट से BJP प्रत्याशी परसोत्तम रूपाला ने 7 मई को मोबाइल फोन की फ्लैश लाइट के जरिए BJP के खिलाफ वोट करने की शपथ ली.

जूनागढ़ राजपूत करणी सेना शहर अध्यक्ष मयूरध्वजसिंह राणा ने बताया कि इस सम्मेलन में जिले के सभी क्षत्रिय समाज बड़ी संख्या में उपस्थित थे. राजपूत समाज का आंदोलन 24 मार्च से शुरू हो गया है, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अब तक इस संबंध में एक भी बयान नहीं दिया है. इस मामले में भी क्षत्रिय काफी नाराज हैं. इस दौरान आगामी 7 मई को भाजपा के खिलाफ शत-प्रतिशत मतदान करने का संकल्प लिया गया.

क्षत्रिय नेता प्रताप खुमान ने कहा कि जूनागढ़ में क्षत्रिय अस्मिता सम्मेलन आयोजित किया गया. ये विरोध प्रदर्शन लोकतांत्रिक तरीके से इतने दिनों से चल रहा है. अब जब चुनाव में गिनती के दिन ही बचे हैं तो सभी पार्टियां एडी चोटी के नेतृत्व में जोर लगा रही हैं. उसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सौराष्ट्र और गुजरात में बैठकें भी की. इन बैठकों में गौर करने वाली बात यह रही कि इन बैठकों में राजकोट लोकसभा सीट से BJP प्रत्याशी का कहीं भी जिक्र नहीं किया गया. इन सभाओं में वह प्रत्याशी मंच पर भी नजर नहीं आया.

प्रधानमंत्री जब जामनगर गए तो सीधे जाम साहब का आशीर्वाद लेने उनके बंगले पर पहुंचे. यह क्षत्रिय समाज की ताकत को दर्शाता है, जब इतने सारे क्षत्रिय विरोध करने के लिए सड़कों पर उतरते हैं, तो यह क्षत्रियों की ताकत है. यही वजह है कि देश के प्रधानमंत्री को जामनगर में जाम साहब के बंगले पर जाना पड़ता है. जहां जामनगर जाम साहब ने प्रधानमंत्री को पगड़ी पहनाई.

उन्होंने आगे कहा कि राजपूत समाज अपने यहां आने वाले किसी भी व्यक्ति का सम्मान करता है. तब व्यक्ति महत्वपूर्ण नहीं है बल्कि प्रधानमंत्री कौन है. राजपूत होने के नाते हमें गर्व है कि जाम साहब ने राजपूत होने और प्रधानमंत्री पद की गरिमा बरकरार रखी है.’ प्रधानमंत्री को पगड़ी पहनाई गई है. इस पगड़ी को पहनने के बाद प्रधानमंत्री ने खुद अपनी बातों से पगड़ी का महत्व बताया. यह राजपूत क्षत्रिय समाज की ताकत को दर्शाता है.

कुछ दिनों से मीडिया में यह चर्चा चल रही है कि राहुल गांधी ने दक्षिण की एक सभा में राजा महाराजा को लेकर बयान दिया था, लेकिन मेरा निजी तौर पर मानना है कि राहुल गांधी हमारी संस्कृति को नहीं जानते हैं. राहुल गांधी में डंड स्कूल कल्चर है. तब राहुल गांधी का बयान सामान्य था. इसके विरोध में राजकोट सीट से प्रत्याशी परसोत्तम रूपाला ने जो बयान दिया है, वह अस्मिता से जुड़ा बयान है. फिर रूपाला के बयान की तुलना राहुल गांधी के बयान से नहीं की जा सकती.

राजकोट सीट से बीजेपी उम्मीदवार अमरेली के रहने वाले हैं. अमरेली का मतलब गायकवाड़ राज्य है, भावनगर राज्य इसके बगल में है, राजकोट राज्य इसके पड़ोस में है, जूनागढ़ राज्य और कुल्ला राज्य पास में है. फिर बीजेपी के राजकोट लोकसभा सीट के उम्मीदवार ने अपनी युवावस्था और परवरिश इसी क्षेत्र में बिताई है. उन्हें स्थानीय संस्कृति और क्षेत्र की भी समझ है.

फिलहाल राजपूत समन्वय समिति योजना बनाकर समझदारी से काम कर रही है. राजकोट लोकसभा सीट एपी सेंटर है. वहीं सबसे ज्यादा ध्यान दिया जा रहा है. राजकोट लोकसभा सीट के सभी बूथों पर क्षत्रिय युवाओं की कमेटी बनाई गई है.

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