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कौन हैं दर्शनम मोगिलैया जिन्हें मोदी सरकार ने दिया था पद्मश्री, अब कर रहे हैं दिहाड़ी मजदूरी

दुर्लभ संगीत वाद्ययंत्र ‘किन्नेरा’ के आविष्कार के लिए दो साल पहले पद्मश्री से सम्मानित दर्शनम मोगिलैया आजकल सुर्खियों में हैं। उन्हें राष्ट्रपति के हाथों से पद्मश्री मिला था। सम्मानित होने के बाद उन्हें राज्य में भी खूब सम्मान मिला। सम्मान मिलने के बाद वह कई दिनों तक सोशल मीडिया पर छाए रहे, लेकिन कुछ समय बाद सब उन्हें भील गए। आज पद्मश्री से सम्मानित यह कलाकार मजदूरी कर रहा है।

दुर्लभ म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट ‘किन्नेरा’ का आविष्कार करने वाले पद्मश्री दर्शनम मोगिलैया आर्थिक समस्याओं से जूझ रहे हैं। हाल ही में उन्हें हैदराबाद में एक कंस्ट्रक्शन साइट पर मजदूरी करते हुए देखा गया। 73 साल के दर्शनम को साल 2022 में तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पद्मश्री से सम्मानित किया था।

कौन हैं दर्शनम मोगिलैया?
दर्शनम मोगिलैया का जन्म 1951 तेलंगाना में हुआ था। दर्शनम मोगिलैया को किन्नरा मोगुलैया के नाम से भी जाना जाता है। वह भारतीय राज्य तेलंगाना के एक कलाकार हैं और किन्नरा नाम से जाने जाने वाले आदिवासी संगीत वाद्ययंत्र के कुछ जीवित कलाकारों में से एक हैं। गांव में वह एक दलित परिवार से आते हैं। पढ़ाई न करने की वजह से उन्हें कोई नौकरी भी नहीं मिली। अब वह हैदराबाद में मजदूरी करके जीवन यापन कर रहे हैं।

दरअसल, दर्शनम मोगिलैया को तेलंगाना सरकार से पुरस्कार 1 करोड़ रुपये की नकद राशि मिली थी। लेकिन वो राशि पारिवारिक जरूरतों पर खर्च हो गई। उनके 9 बच्चे हैं। उन्होंने बताया कि उनके बेटे को दौरे पड़ते हैं। दवाओं के लिए उन्हें हर महीने कम से कम 7,000 रुपये की जरूरत पड़ती थी। उन्होंने बताया कि उनकी पत्नी का चार साल पहले ही निधन हो गया था। बच्चों की शादी और इलाज में पैसे खत्म हो गए। इसी वजह से अब उन्हें मजदूरी करके अपना जीवन यापन करना पड़ रहा है।

मासिक मानदेय भी हुआ बंद
कलाकार ने बताया कि राज्य सरकार से स्वीकृत 10,000 रुपये मासिक मानदेय भी हाल ही में बंद कर दिया गया. उन्हें नहीं पता कि ऐसा क्यों हुआ। इसके साथ ही राज्य सरकार ने हैदराबाद के पास रंगारेड्डी जिले में कलाकार के लिए 600 वर्ग गज का प्लॉट देने की भी घोषणा की थी। लेकिन अभी तक उन्हें वह प्लॉट नहीं मिला है।

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