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पराली जलाने वाले किसानों के लिए बुरी खबर, अब नहीं मिलेगी MSP

पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और राजस्थान के किसानों के लिए बुरी खबर है. दरअसल, सरकार ने MSP को लेकर बड़ा फैसला किया है, केंद्र सरकार ने पराली जलाने पर किसानों पर कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं. वहीं, जो किसान पराली जलाते हैं उन्हें MSP का लाभ भी न देने का फैसला किया है.

केंद्र सरकार ने MSP पर बड़ा फैसला लिया है. सरकार के फैसले के मुताबिक पराली जलाने वाले किसानों के लिए बुरी खबर है. जो किसान पराली जलाते हैं, उनको सरकार MSP न देने का फैसला किया है. बता दें, सुप्रीम कोर्ट के द्वारा साल 2023 में सुनाए गए एक फैसले का हवाला देते हुए केंद्र सरकार ने खेतों में पराली जलाने वाले किसानों को इस साल से MSP न देने के लिए राज्य सरकारों को पत्र लिखा है. केंद्र ने जिन राज्यों को यह चिट्ठी लिखी है उनमें पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और राजस्थान शामिल है. केंद्र ने इन राज्यों को मुख्य सचिवों को इसे लागू करते हुए जल्द ही स्टेटस रिपोर्ट सौंपने के लिए भी कहा गया है.

पराली जलाने वाले किसानों की पहचान के लिए भी अलग सिस्टम बनाया गया है. पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान के सचिवों को केंद्र ने निर्देश दिए है. केंद्र ने लिखी चिट्ठी और रिपोर्ट भी मांगी है. ऐसे किसानों की पहचान ISRO की मदद से होगी. सचिवों की कमेटी के मुताबिक पंजाब को नियमों का पालन करवाना होगा. सचिवों की कमेटी ने खाद्य मंत्रालय को इसे लागू करने के लिए मेकैनिज्म तैयार करनेके निर्देश भी दिए. किसानों के जमीन रिकॉर्ड के अंदर पराली जलाने की घटना दर्ज होगी.

इकोनॉमिक टाइम्स ने अपनी एक रिपोर्ट में इसकी जानकारी दी है. आपको बता दें कि पराली जलाने वाले किसानों को खिलाफ फाइन और सजा के प्रावधान सियासी तौर पर काफी जटिल हैं. सरकारें अपनी सियासी हितों को ध्यान में रखते हुए पराली जलाने वाले किसानों के खिलाफ कार्रवाई से परहेज करती रही है.

बीते 10 अप्रैल को सचिवों की समिति की एक बैठक हुई. इस बैठक में केंद्र सरकार ने पराली के खिलाफ कार्रवाई को लेकर कार्ययोजना तैयार की. इसरो प्रोटोकॉल के तहत पराली जलाने वाले किसानों को एमएसपी से प्रतिबंधित किए जाने का फैसला किया. वित्तीय वर्ष 2024-25 में इस नियम को लागू करने की योजना सरकार के द्वारा तैयार किया गया है.एनएसआरसी और इसरो को ऐसे खेतों की मैपिंग की जिम्मेदारी दी गई है जिन खेतों में पराली जलाए जाते हैं. इसके लिए एक प्रोटोकॉल तैयार किया गया है.बता दें कि सबसे अधिक पंजाब में पराली जलाने की घटना होती है. इसके बाद हरियाणा का नंबर आता है.

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