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क्या होता है मांगलिक दोष जिसके कारण विवाह में आती हैं अड़चनें? जानें इस दोष के प्रकार

नई दिल्ली: ज्योतिष शास्त्र में मंगल ग्रह का काफी महत्व है। ज्योतिष शास्त्र में मंगल ग्रहों के सेनापति होने के साथ क्रूर ग्रह के रूप में माना जाता है। इसके साथ ही मंगल ग्रह मेष और वृश्चिक राशि के स्वामी है। मंगल की स्थिति विवाह के समय जरूर देखी जाती है। जब कुंडली में मंगल लग्न, चतुर्थ, सप्तम, अष्टम और द्वादश भाव में से किसी भी भाव में होता है तो यह मांगलिक दोष कहलाता है। मांगलिक दोष वाले जातक का विवाह किसी मांगलिक दोष वाले लड़का या फिर लड़की से होता है। अगर आपकी कुंडली में भी मंगल दोष है, तो ज्योतिष संबंधी इन उपायों के अपना सकते हैं। इससे लाभ मिलेगा।

क्या होता है मांगलिक दोष?
कुंडली में मांगलिक दोष मंगल ग्रह की स्थिति के कारण होता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जब किसी जातक की कुंडली में मंगल 1, 4, 7, 8 और 12वें स्थान पर हो तो माना जाता है कि व्यक्ति मांगलिक है।

मांगलिक और विवाह का कनेक्शन
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, मंगल का शादी विवाह से काफी कनेक्शन है। जब किसी व्यक्ति की कुंडली में मंगल की स्थिति कमजोर होती है तो वह मांगलिक होता है। ऐसे में अगर गैर मांगलिक लड़का या लड़की से विवाह करा दिया जाए, तो वैवाहिक जीवन में कई परेशानियां आती हैं। कई बार क्लेश इतना ज्यादा बढ़ जाता है कि जीवनसाथी से अलगाव हो जाता है।

मंगल दोष से निजात पाने के उपाय

लड़का या लड़की के मांगलिक होने पर ज्योतिष शास्त्र में विभिन्न उपाय बताए गए हैं। जिन्हें अपनाकर मांगलिक की समस्या से निजात पा सकते हैं।
अगर कोई लड़की मांगलिक है, तो शादी से पहले कुंभ विवाह, विष्णु विवाह या फिर अश्वत्थ विवाह कराया जाता है।
हर मंगलवार के दिन हनुमान चालीसा का पाठ करें।
रोजाना शिवलिंग में जलाभिषेक दुधाभिषेक के साथ-साथ लाल रंग का फूल अर्पित करें।
घर में आने वाले मेहमानों को मिठाई खिलाने से भी मंगलदोष को काफी हद तक कम किया जा सकता है।
हर मंगलवार के दिन भगवान शिव को शहद अर्पित करें। इससे भी मंगल दोष से निजात मिल जाती है।
हनुमान जी को केसरिया रंग का चोला अर्पित करें।
मंगलवार के दिन एक छोटे आकार के केसरिया गणपति घर ले आएं और नियमित रूप से पूजा करें।

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