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सुअर की किडनी ट्रांसप्लांट कराने वाले पहले व्यक्ति की दो महीने बाद मौत

दो महीने पहले रिक स्लेमैन के शरीर में सुअर की किडनी लगाई गई थी. दुनिया ऐसा काम पहली बार किया गया था कि किसी जानवर का अंग इंसान के शरीर में ट्रांसप्लांट किया जाए. इस साल मार्च महीने में हुई इस सर्जरी की पूरी दुनिया में काफी चर्चा हुई थी. लेकिन सुअर की किडनी रिक को सिर्फ दो महीने ही जीवित रख पाई.

62 वर्षीय रिक अमेरिका के मैसाच्युसेट्स के वेमाउथ इलाके के रहने वाले थे. उनके शरीर में सुअर की किडनी को जेनेटिकली मॉडिफाई करके लगाया गया था. इस सर्जरी में करीब चार घंटे लगे थे. ऑपरेशन 16 मार्च 2024 को मैसाच्युसेट्स जनरल हॉस्पिटल में किया गया था. स्लेमैन को किडनी की बीमारी आखिरी स्टेज में थी.

इससे पहले वो अपने शरीर में इंसान की किडनी ट्रांसप्लांट करवा चुके थे. लेकिन कुछ सालों बाद वह फेल हो गई थी. इसके बाद डॉक्टरों ने सुअर की किडनी ट्रांसप्लांट करने का फैसला लिया. स्लेमैन की डायलिसिस शुरू हुई. लेकिन उनकी दिक्कत बढ़ती जा रही थी. डॉक्टरों की उम्मीद थी कि सुअर की किडनी लंबे समय तक साथ देगी.

लेकिन इससे पहले इस तरह की सर्जरी नहीं की गई थी. डॉक्टरों ने सुअर की किडनी को जेनेटिकली मॉडिफाई किया, ताकि वो रिक स्लेमैन के शरीर के साथ मैच कर सके. रिक की सर्जरी हुई. और कुछ ही हफ्तों बाद वो मर गए. लेकिन उनकी सर्जरी करने वाले डॉक्टरों का कहना है कि किडनी ट्रांसप्लांट का रिक की मौत से कोई लेना-देना नहीं है.

हॉस्पिटल की तरफ से बयान आया है कि हम रिक स्लेमैन के निधन से दुखी हैं. लेकिन उनकी मौत का हाल ही में हुए किडनी ट्रांसप्लांट से कोई संबंध नहीं है. हॉस्पिटल के बयान में रिक स्लेमैन की मौत की वजह नहीं बताई गई थी. मार्च 2024 तक करीब एक लाख अमेरिकियों को अंग प्रत्यारोपण की जरूरत है. इसमें से 89 हजार को सिर्फ किडनी चाहिए. इस लिस्ट में शामिल लोगों में से हर दिन 17 लोगों की मौत हो जाती है.

जानवरों से इंसानों में जेनेटिकली मॉडिफाई अंगों का प्रत्यारोपण करने को जेनोट्रांसप्लांटेशन कहते हैं. इससे अंगों की बढ़ती डिमांड पूरी की जा सकती है. रिक स्लेमैन से पहले भी ब्रेन डेड मरीज के शरीर में जानवरों के अंग का प्रत्यारोपण किया गया था. साल 2022 में मैरीलैंड के एक व्यक्ति को सुअर की किडनी सबसे पहले लगाई गई थी. लेकिन वह सर्जरी के कुछ ही घंटे बाद मर गया था.

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