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प्रसिद्ध खाद्य मसालों पर सवाल उठने के बाद उत्तराखंड में होगी जांच, केंद्र के निर्देश पर 50 मैन्युफैक्चरिंग इकाई से लिए जाएंगे सैंपल

त्योहारी सीजन के दौरान खाद्य पदार्थों में मिलावट के मामले सामने आते रहे हैं. जिस पर लगाम लगाने को लेकर खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन, छापेमारी कर कार्रवाई करता रहा है. इस बीच हाल ही में खाद्य मसाला बनाने वाली दो बड़ी कंपनियों लेकर कई देशों में सवाल खड़े हुए हैं.

इसके चलते भारत सरकार ने मसालों की गुणवत्ता को जांचने के लिए देश के सभी राज्यों को निर्देश दिए थे. इसी क्रम में अब उत्तराखंड में निर्मित होने वाले सभी खाद्य मसालों की जांच की जाएगी. इस संबंध में खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन के आयुक्त डॉ आर राजेश कुमार ने आदेश भी जारी कर दिए हैं.

उत्तराखंड में खाद्य मसाला बनाने वाली करीब 50 यूनिट मौजूद हैं. हालांकि, जिन दो बड़ी कंपनियों के मसालों पर कई देशों ने सवाल उठाए हैं, उन मसाला कंपनियों की कोई भी इकाई उत्तराखंड में मौजूद नहीं है. इसके बावजूद केंद्र सरकार के निर्देश के बाद उत्तराखंड सरकार, राज्य में निर्मित होने वाले सभी मसाला कंपनियों के मसालों की जांच करने जा रही है. ये जांच प्रक्रिया अगले 1 से 2 दिन में शुरू कर दी जाएगी. जांच के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी. खाद्य संरक्षा आयुक्त की ओर से सभी जिलों के खाद्य संरक्षा अधिकारियों को जारी किए गए आदेश के अनुसार मसाला मैन्युफैक्चरिंग यूनिटों में जाकर अलग-अलग मसालों की गुणवत्ता जांचने के साथ ही सैंपलिंग करने के निर्देश दिए हैं.

खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन के आयुक्त डॉ आर राजेश कुमार ने बताया कि केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को मसालों की जांच करने के निर्देश दिए हैं. जिसके क्रम में उत्तराखंड राज्य में मौजूद मसाला कंपनियों के मसालों की सैंपलिंग की जाएगी. साथ ही बताया कि उत्तराखंड में एमडीएच और एवरेस्ट मसाला की मैन्युफैक्चरिंग यूनिट नहीं हैं. ऐसे में प्रदेश में मौजूद 50 अलग-अलग मसला कंपनियों के उत्पादों की जांच की जाएगी. अगले कुछ दिनों में मसाला कंपनियों के मसालों की सैंपलिंग का काम शुरू कर दिया जाएगा. आर राजेश कुमार ने बताया कि पिछले साल भी मसालों के 133 सैंपल लिए गए थे, जिसमें से 13 सैंपल सब स्टैंडर्ड पाए गए थे. ऐसे में जिन उत्पादों के सैंपल फेल पाए गए हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है.

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