उत्तराखंड के पहाड़ों के बाद अब हिमाचल में भी आग का तांडव देखने को मिल रहा है. हिमाचल के जंगलों में भीषण आग लगी हुई है. हिमाचल की राजधानी शिमला के आसपास के जंगल तीन दिन से जल रहे हैं. वहीं अब आग रिहायशी इलाकों की तरफ बढ़ती जा रही है. गुरुवार से राजधानी शिमला के साथ लगते तारा देवी और समरहिल के जंगलों में भीषण आग लगी हुई है.
इस आग की चपेट में शिमला-कालका रेलवे ट्रैक भी आ गया है. इस भीषण आग को देखते हुए ट्रैक पर चलने वाली सारी ट्रेनों की आवाजाही पूरी तरह से बंद कर दी गई है. कुछ ट्रेन जहां तारा देवी स्टेशन पर खड़ी हैं तो वहीं कुछ नीचे ही रोक दी गई हैं. आग की लपटें इतनी तेज हैं कि ट्रेन भी नहीं गुजर पा रही हैं. कालका से निकली ट्रेनें तारा देवी स्टेशन पर रोक दी गई हैं.
#WATCH | Shimla, Himachal Pradesh: Forest Department Staff works to control the forest fire that broke out in Taradevi forest area
Almost 1033 cases of forest fires have taken place so far in the state in the fire season which generally spans from 15 April to 30 June. pic.twitter.com/WGBaZdW0kh
— ANI (@ANI) May 29, 2024
ट्रेनों के इस तरह से बंद होने और इलाके में लगी भीषण आग के कारण यहां आने वाले यात्री भी काफी परेशान हो रहे हैं. 4 घंटे से तारा देवी स्टेशन पर ही ट्रेन रुकी हुई है. वहीं शिमला रेलवे स्टेशन पर भी कालका जाने वाली ट्रेनों को रोका गया है. आग को बुझाने के लिए कर्मचारी जुटे हैं, लेकिन सड़क न होने के चलते अग्निशमन की गाड़ियां वहां तक नहीं पहुंच पा रही हैं.
इससे आग पर काबू पाने में काफी मुश्किल हो रही है. पटरी के दोनों ओर से पेड़ जल रहे हैं, जिससे लाखों की वन सम्पदा जल कर राख हो रही है. फिलहाल रेलवे विभाग ने जंगलों में लग रही आग को देखते हुए ट्रेनों का संचालन बंद किया है और आग बुझाने के बाद ही दोबारा से ट्रेनें चलाई जाएंगी. वहीं इन दिनों बाहरी राज्यों से काफी तादाद में पर्यटक ट्रेन के माध्यम से शिमला आ रहे हैं. शिमला आने वाली सभी ट्रेनें पूरी तरह से पैक होकर आ रही हैं.
Early morning scene..😐
Wtf happening…these things affecting the wildlife , but some people don't understand and do this kinda dumb shit 🙏#HimachalPradesh #Forestfire pic.twitter.com/KB2OclKSFA— जी हाॅं कहिए .. (@hum__alien) May 31, 2024
आपको बता दें, बीते दिनों उत्तराखंड के जंगलों में भी भीषण आग लगी थी. आग इतनी भयानक थी कि इसको बुझाने के लिए काफी दिनों तक प्रशासन को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी. साथ ही कई रिहायशी इलाकों तक भी ये आग पहुंची गई थी. इस आग में उत्तराखंड की लाखों की वन संपदा जलकर राख हो गई थी.