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अमेरिकी अधिकारी का खुलासा- भारत से विवाद के बीच पाकिस्तान ने बढ़ाए परमाणु हथियार, किया उनका आधुनिकीकरण

आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान ने अपना परमाणु कार्यक्रम जारी रखा है. इसका खुलासा अमेरिकी खुफिया अधिकारी लेफ्टिनेंट जनरल जेफरी क्रूस ने अमेरिकी कांग्रेस को ये जानकारी दी है. क्रूस के मुताबिक, पिछले साल भारत के साथ बढ़ते विवाद के बीच पाकिस्तान ने अपने न्यूक्लियर वेपन्स को मॉडर्नाइज किया.

उन्होंने ये भी बताया कि पाकिस्तान ने अपने न्यूक्लियर मैटिरियल और उसके कमांड और कंट्रोल की सिक्योरिटी को भी बढ़ाया है. अक्टूबर 2023 में, पाकिस्तान ने मध्यम दूरी की अबाबील बैलिस्टिक मिसाइल का सफल परीक्षण किया था, जिसकी रेंज 2200 किलोमीटर थी.

अभी कुछ दिन पहले ही एक सीनियर परमाणु वैज्ञानिक और लेफ्टिनेंट जनरल किदवई ने भारत को धमकी दी थी. उन्होंने इस्लामाबाद के इंस्टीट्यूट ऑफ स्ट्रैटजिक स्टडीज में अपने संबोधन के दौरान कहा था कि पाकिस्तान का परमाणू कार्यक्रम भारत पर केन्द्रित है.

*शाहबाज सरकार ने IMF से मांगा एक और बेल आउट पैकेज*

पाकिस्तान के न्यूक्लियर हथियार मॉडर्नाइज करने की जानकारी उस वक्त आई है, जब पाकिस्तान की नई बनी सरकार ने IMF से एक और बेल आउट पैकेज की मांग की है. पाकिस्तान के वित्त मंत्री मुहम्मद औरंगजेब अभी वॉशिंगटन में हैं. वो यहां अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से नए लोन पैकेज पर बात कर रहे हैं.

इससे पहले अमेरिका के न्यूक्लियर वैज्ञानिकों ने एक रिपोर्ट जारी कर बताया था कि पाकिस्तान के पास फिलहाल 170 परमाणु हथियार हैं. जो 2025 तक 200 के पार जा सकते हैं. रिपोर्ट को ‘2023 पाकिस्तान न्यूक्लियर हैंडबुक’ नाम दिया गया है.

स्वीडन के थिंक टैंक SIPRI ने मुताबिक दुनिया में 12,512 परमाणु हथियार हैं. इनमें से 9,576 ऐसे हैं, जो हमले के लिए तैयार है. पूरी दुनिया में चीन ने अपने परमाणु हथियारों का जखीरा तेजी से बढ़ाया है. रिपोर्ट के मुताबिक, दुनिया के 90% परमाणु हथियार रूस और अमेरिका के पास हैं.

वहीं चीन और पाकिस्तान ने भारत के मुकाबले तेजी से अपने परमाणु हथियारों की संख्या बढ़ाई है. पूरी दुनिया में परमाणु हथियारों की रेस शुरू हो चुकी है.

देश का विदेशी मुद्रा भंडार इस समय 8 बिलियन डॉलर है, जो करीब डेढ़ महीने तक के सामानों के आयात जितना है. देश के पास कम से कम 3 महीने के सामान के आयात जितना पैसा होना चाहिए. 2024 में पाकिस्तान की GDP महज 2.1% की दर से बढ़ने की संभावना है. फिलहाल एक डॉलर की कीमत 276 पाकिस्तानी रुपए के बराबर है.

इसी साल मार्च में IMF की एक टीम इस्लामाबाद पहुंची है, जहां 1.1 अरब डॉलर बेलआउट पैकेज की शर्तों की समीक्षा की गई थी. इन शर्तों को पूरा करने के लिए पाकिस्‍तान की सरकार ने पिछले कुछ महीने में बिजली और गैस की कीमतों में इजाफा किया था. साथ ही पाकिस्‍तान में अन्‍य टैक्‍स भी लगाए गए थे.

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