हिला पहलवान विनेश फोगाट को पेरिस ओलंपिक के कुश्ती में स्वर्ण पदक मुकाबले से पहले अयोग्य किए जाने पर देश में हर ओर निराशा है. खेल मंत्री मनसुख मंडाविया ने संसद में कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी ने आईओए से मामले पर सभी जरूरी कदम उठाने का निर्देश दिया है. इस बीच पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने इस मसले पर नाराजगी जताते हुए कहा कि इतने ऊंचे स्तर पर ऐसी गलतियां हो रही हैं. कोच और फिजियोथेरेपिस्ट क्या वहां पर छुट्टी मनाने गए थे?
पेरिस में विनेश को मुकाबले से अयोग्य घोषित किए जाने के बाद उनके परिवार के प्रति सांत्वना जताने के लिए पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान आज बुधवार को हरियाणा के चरखी दादरी में विनेश फोगट के चाचा महावीर फोगट से मुलाकात की. मुलाकात के बाद खेल अधिकारियों पर नाराजगी जताते हुए सीएम मान ने कहा, “… इस तरह की गलतियां इतने ऊंचे स्तर पर हो रही हैं. कोच और फिजियोथेरेपिस्ट को लाखों रुपये में भुगतान किया जाता है. इतने लोग वहां भेजे गए हैं. उन्होंने कुछ क्यों नहीं किया. क्या वे वहां छुट्टियां मनाने के लिए गए हुए हैं?”
एक बार भी आपत्ति नहीं की गईः CM मान
महिला पहलवान विनेश फोगट को अयोग्य ठहराए जाने की घटना पर सीएम भगवंत मान ने कहा, “उसका वजन जांचना उनके कोच और फिजियोथेरेपिस्ट का काम था. लेकिन अब फैसला आ चुका है. यह अन्याय नहीं होना चाहिए था… क्या उन्होंने (केंद्र ने) उस समय किसी की जवाबदेही तय की थी जब हमारी महिला पहलवान नदी में अपने पदक विसर्जित करने गई थीं.”
वजन कम करने को लेकर सीएम मान ने आगे कहा, “मैं खेल को राजनीति के साथ नहीं जोड़ना चाहता, लेकिन जो भी लोग वहां गए हैं क्या वो घूमने गए हैं. बात तो करते. इन लोगों ने एक बार भी आपत्ति नहीं उठाई. पूरे ओलंपिक के दौरान हॉकी में सिर्फ एक ही लड़का को मैच से बाहर किया और वह भी भारतीय को. कहां हम यूक्रेन की जंग रुकवा रहे हैं. आप हमारे खिलाड़ी के पक्ष में तो खड़े हो जाओ.”
कड़ा विरोध दर्ज कराए भारतः गावस्कर
दूसरी ओर, भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर ने इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए कहा कि भारत को इसका कड़ा विरोध दर्ज करना चाहिए. उन्होंने कहा कि भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) के साथ-साथ भारत सरकार को भी इससे निपटने के लिए हर संभव कोशिश करनी चाहिए. मुझे लगता है कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है. मुझे यह भी लगता है कि यह सबसे अनुचित है.”
गावस्कर ने कहा, “मुझे उम्मीद है कि भारतीय अधिकारी इस पर ध्यान देंगे. इस पर कड़ा विरोध दर्ज करेंगे क्योंकि यह शुरुआती दौर का मुकाबला नहीं है. भारत में किसी को भी इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए फिर चाहे वह ओलंपिक संघ हो या भारत सरकार.”