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मालदीव में फंसा बाराबंकी का इलेक्ट्रिकल इंजीनियर पहुंचा घर, कहा- कंपनी ने 9 महीने तक बंधक बनाकर रखा

नौकरी के सिलसिले में मालदीव गया बाराबंकी का इलेक्ट्रिकल इंजीनियर धोखाधड़ी का शिकार हो गया. कुछ महीने बाद जब युवक को ठगी का पता चला तो वह परेशान हो गया. उसने वापस घर जाने के लिए कहा तो कंपनी वालों ने उसे बंधक बना लिया. घर वालों को बेटे के साथ अनहोनी का पता चला तो उन्होंने शिकायत दर्ज कराई. बेटे को सुरक्षित वतन वापसी के लिए परिजन लगातार अफसरों से गुहार लगा रहे थे. एम्बेसी, मानव अधिकार आयोग आदि की दखल के बाद युवक सुरक्षित अपने घर पहुंच सका.

नगर कोतवाली के दयानंद नगर निवासी हैदर अली के बेटे एहसान अली ने 2020 में इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग से B.Tech किया. नौकरी की तलाश कर ही रहा था कि लखपेड़ाबाग निवासी जफरुल अली अंसारी ने उसे मालदीव में नौकरी दिलाने का झांसा दिया. जुलाई 23 में एहसान से 1.5 लाख रुपये लेने के बाद उसे दिल्ली बुलाया गया. उसे वर्क परमिट इंट्री पास की कॉपी और मालदीव की कंपनी FAF कंस्ट्रक्शंस ट्रेडिंग कंपनी की ओर से जारी नियुक्ति पत्र दिया गया. नियुक्ति पत्र पर बिजली इंजीनियर लिखा हुआ था.

जुलाई 23 के आखिर में एहसान जब मालदीव पहुंचा तो उससे एग्रीमेंट के विपरीत मजदूरी कराया जाने लगा. कंस्ट्रक्शन साइट पर प्लम्बर, इलेक्ट्रिशियन, पेंटर, हेल्पर आदि काम कराए जाने लगे. कंस्ट्रक्शन साइट पर ही उसे रहने के लिए मजबूर किया जाता था. एहसान को बताया गया था कि कम्पनी उसका वीजा लगवाएगी, उसे मेडिकल इंश्योरेंस जैसी सुविधा मिलेगी, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ.

कंपनी ने उसे सेलरी देना भी बंद कर दिया. खाना भी बंद कर दिया. एहसान ने बताया कि उसे कभी भी सेलरी टाइम पर नहीं मिलती थी. अन्य लोगों का भी यही हाल था. लोगों के विरोध के बाद पैसा मिलता था. परेशान होकर एहसान ने बाराबंकी स्थित अपने एक दोस्त को यह परेशानी बताई. दोस्त ने उसे शिकायत करने की सलाह दी. एहसान के परिजनों को एजेंट के खिलाफ FIR दर्ज कराने की राय दी.

बेटे की परेशानी जान परिवार सदमे में आ गया. परिवार अपने बेटे को वापस बुलाने के लिए बेचैन हो गया. पिता हैदर अली ने एजेंट के खिलाफ कोतवाली नगर में शिकायत की तो उसे बड़ेल चौकी भेजा गया. जब कोई बात न बनी तो उन्होंने पुलिस अधीक्षक दिनेश कुमार सिंह से गुहार लगाई.

SP के निर्देश पर कोतवाली पुलिस ने आरोपी जफरुल अंसारी और दिल्ली स्थित मैनपावर उपलब्ध कराने वाली जगदम्बा ओवरसीज कम्पनी के विरुद्ध 5 मई 2024 को धोखाधड़ी समेत विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया. नगर कोतवाल अजय कुमार त्रिपाठी ने बताया कि मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है.

मालदीव में भी एहसान घर वापसी को लेकर दौड़ भाग करता रहा. एम्बेसी से लगाकर हाई कमीशन तक के चक्कर लगाए. लेबर कोर्ट से लगाकर ह्यूमन राइट्स के दरवाजे खटखटाए. यह जानकारी जब एहसान की कम्पनी के मालिकान को हुई तो उसे धमकाया जाने लगा और उससे कहा गया कि अपने घर से पैसा मंगवाओ और चले जाओ वर्ना सामान बाहर फिंकवा देंगे.

एहसान ने बताया कि वह अकेला नहीं था. उसके साथ करीब 20-25 युवक हैं जो घर वापस आना चाहते हैं लेकिन उन्हें कम्पनी वाले वापस नहीं भेज रहे. मानव अधिकार वालों के कुछ दखल देने पर किसी तरह उसने अपने घर से पैसे मंगवाए और वापस आ गया. रविवार शाम को वह घर लौटा तो उसे आजादी का अहसास हुआ.

एहसान के पिता ने कहा कि कितनी मेहनत मशक्कत करके बेटे को पढ़ाया लिखाया था कि वह नौकरी कर घर के हालात सुधारेगा. वह खुद ही फंस गया.अब वह बेटे को बाहर नहीं भेजना चाहते. अपने मुल्क में ही काम धंधा करना है चाहे यहां कम रुपये ही क्यों न मिले.

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