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बिहार: 10 दिन के अंदर गिरा चौथा पुल, किशनगंज में 70 मीटर लंबे ब्रिज का पिलर ढहा

बिहार में एक और पुल गिरने का मामला सामने आया है. बीते 10 दिनों के अंदर पुल गिरने की यह चौथी घटना है. ताजा मामला किशनगंज जिले से सामने आया है. यहां गुरुवार को कनकई और महानंदा नदी को जोड़ने वाली एक छोटी सहायक नदी पर बना पुल ढह गया.

किशनगंज के डीएम तुषार सिंगला ने बताया कि जिले के बहादुरगंज ब्लॉक स्थित 70 मीटर लंबा और 12 मीटर चौड़ा एक पुल गिर गया है. यह पुल 2011 में मडिया नामक छोटी सहायक नदी पर बनाया गया था. मडिया नदी कनकई को महानंदा नदी से जोड़ती है.

डीएम के अनुसार नेपाल में भारी बारिश यहां के नदियों का जलस्तर अचानक बढ़ गया है. इस कारण पुल का एक पिलर नदी की तेज धारा को बर्दाश्त नहीं कर पाया और धराशायी हो गया. हालांकि इस हादसे में किसी के भी घायल होने या जानमाल की क्षति की कोई सूचना नहीं है. वर्ष 2011 में लगभग 25 लाख रुपये की लागत से निर्माण किया गया था.

ग्रामीणों ने बताया कि इस पुल निर्माण में कमीशनखोरी इतना हुआ कि पुल निर्माण के छह वर्ष बाद यानी 2017 से ही डैमेज होता गया और कुछ माह पूर्व से ही पुल धंसना शुरू हो गया था. अभी नेपाल के तराई क्षेत्रों में लगातार हो रही बारिश से नदी का जलस्तर बढ़ गया और इसका दबाव पुल सह नहीं सका. बुधवार की दोपहर में पुल के बीच का हिस्सा पूरी तरह धंस गया. उसके बाद पुल के दोनों ओर आवागमन को रोक दिया गया है.

ग्रामीणों ने बताया कि ये पुल काफी महत्वपूर्ण है. जिले के दिघलबैंक प्रखंड के तुलसिया से जयनगर होकर लोहागाड़ा मुख्य सड़क राष्ट्रीय राज मार्ग 327 ई को यह पुल जोड़ती है. ग्रामीणों ने जल्द पुल निर्माण की मांग कर रहे है.

पुल के दोनों तरफ बैरिकेडिंग कर दी गई है. ताकि, क्षतिग्रस्त पुल पर किसी भी तरह की आवाजाही को रोका जा सके. बिहार में पिछले एक सप्ताह में पुल गिरने के तीन हादसे सामने आ चुके हैं. अररिया, सिवान और मोतिहारी के बाद अब किशनगंज में भी पुल ढह गया है. वहीं कुछ सालों में बिहार में ऐसी कई घटनाएं अलग-अलग हिस्सों से सामने आई है. हालांकि, कहीं से किसी की जान जाने की कोई सूचना नहीं है. फिर भी ये घटनाएं पुल निर्माण को लेकर सवाल खड़े करती हैं.

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