जम्मू-कश्मीर और लद्दाख पर भाजपा की नीति न तो ‘कश्मीरियत’ का सम्मान करती है और न ही ‘जम्हूरियत’ को बरकरार रखती है! मोदी सरकार ने दावा किया था कि जम्मू-कश्मीर को पूर्ण रूप से एकीकृत करने, क्षेत्र के आर्थिक
विकास को बढ़ावा देने और आतंकवाद और अलगाववाद को रोकने में बीजेपी सरकार काम करेगी। हालाँकि, वास्तविकता बिल्कुल अलग है।
मैं माननीय प्रधानमंत्री जी को याद दिलाना चाहूंगा की आप के 2014 से वर्तमान तक की सरकार में
1. जम्मू और कश्मीर में 65% सरकारी विभाग पर पद 2019 से खाली हैं।
2. जम्मू और कश्मीर में बेरोजगारी दर 10% है, जिसमें चिंताजनक रूप से 18.3% युवा बेरोजगारी दर में है।
3. 2021 में नई औद्योगिक नीति लागू होने के बावजूद महज 3% निवेश ही जमीन पर उतर पाया है।
4. प्रधानमंत्री विकास पैकेज, 2015 के तहत 40% परियोजनाएं लंबित हैं।
5. जम्मू और कश्मीर की शुद्ध राज्य घरेलू उत्पाद (एनएसडीपी) वृद्धि दर 13.28% (अप्रैल 2015-मार्च 2019) से घटकर 2019 के बाद 8.73% हो गई है।
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस इन क्षेत्रों के लोगों के साथ मजबूती से खड़ी है।
भारत जोड़ो यात्रा के दौरान जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के लोग श्री राहुल गांधी को अपना दुःख जाहिर
किया और बताया की वें सामान्य स्थिति के लिए तरस रहे हैं कांग्रेस पार्टी मांग करती है की लोगो का
अधिकार छीनने का काम आपकी सरकार जो करती आ रही है उसे बंद करो और लोगो को उनके
हक़ का अधिकार देने का काम करों ।