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दो ट्रेनों में मिले थे महिला के शव के अंग, अब तक नहीं हुई पहचान, उज्जैन जीआरपी खंगाल रही 95 सीसीटीवी कैमरे

उज्जैन। इंदौर रेलवे स्टेशन और ऋषिकेश रेलवे स्टेशन पर खड़ी ट्रेनों में मिले महिला के शव के अंगों के मामले में उज्जैन स्टेशन पर भी जांच की जा रही है। शव के अंगों को उज्जैन स्टेशन पर ही अलग-अलग ट्रेनों में रखे जाने की आशंका जताई जा रही है। हालांकि उज्जैन में इसके कोई सुराग हाथ नहीं लगे हैं। जीआरपी स्टेशन पर लगे सभी 95 सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाल रही है।

इंदौर रेलवे स्टेशन के कोचिंग डिपो में 8 जून की देर रात महू से इंदौर पहुंची पैसेंजर ट्रेन के एक कोच में बैग और बोरी में अज्ञात महिला के शव दो हिस्सों में मिले थे, लेकिन हाथ और पैर गायब थे। शवों के हाथ-पैर 9 जून को ऋषिकेश स्टेशन पर खड़ी इंदौर-योगनगरी ऋषिकेश एक्सप्रेस में मिले थे। हाथ पर हिंदी में मीराबेन ओर गोपालभाई गुदा हुआ था।

अब तक ना ही महिला के शव की पहचान हुई है और न ही पुलिस को सुराग मिला है। आशंका जताई जा रही है कि शव के अंगों को उज्जैन स्टेशन से ट्रेन में रखा गया था। 8 जून को नागदा से महू के लिए रवाना हुई पैसेंजर ट्रेन शाम 5.15 से 5.30 बजे तक उज्जैन स्टेशन पर थी।

इसी दौरान लक्ष्मीबाई नगर रेलवे स्टेशन से ऋषिकेश के लिए रवाना हुई योगनगरी ऋषिकेश एक्सप्रेस 4.55 से 5.20 तक उज्जैन स्टेशन पर थी। संभवत आरोपितों द्वारा शव के हिस्सों को अलग-अलग बैग और बोरियों में रखकर यहीं से इन दोनों ट्रेनों में रख दिया और रवाना हो गए। पुलिस कैमरों की फुटेज खंगाल रही है।

जीआरपी के 17 और आरपीएफ के 78 कैमरे
उज्जैन रेलवे स्टेशन पर जीआरपी थाने की ओर से 17 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। वहीं आरपीएफ के भी 78 कैमरे लगे हुए है। पुलिस अधिकारी सभी कैमरों की फुटेज खंगाल रहे हैं। हालांकि जीआरपी टीआई मोतीराम का कहना है कि फुटेज खंगाली जा चुकी है। मगर कोई अहम सुराग हाथ नहीं लगा है। इंदौर जीआरपी जांच कर रही है।

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